आदिवासियों पर आधारित विकास : सच्ची खेती, सच्चा बचपन और सच्चा लोकतंत्र
स्थानीय ज्ञान, पडौस के संसाधन और समाज की देसी बनक के आधार पर विकास योजनाओं को रचा जाए तो नतीजा क्या, कैसा हो सकता है? इसे जानने के लिए भील आदिवासियों की ‘वागधारा’ जैसी संस्थाओं के काम पर नजर डालना चाहिए।
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