Browsing Tag

संवैधानिकचिंतन

दत्तात्रेय होसबले :संविधान के शब्द ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवाद’

पूनम शर्मा कुछ दिन पहले भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. गवई ने कहा था कि "मेरे लिए संसद नहीं, संविधान सर्वोच्च है।" यह बयान संवैधानिक मूल्यों की प्राथमिकता को दर्शाता है। लेकिन अब एक बुनियादी सवाल खड़ा होता है—कौन-सा संविधान? 1950 में लागू…
Read More...