संस्कृति- राम तेरी गंगा मैली हो गई
पार्थसारथि थपलियाल
जब से चारधाम यात्रा शुरू हुई तब से ऋषिकेश से चारधाम तक चर्चाएं ही चर्चाएं। चर्चा उनकी तो है ही जिनकी होनी चाहिए, लेकिन उनकी भी है जिनकी नही होनी चाहिए। अब भला कुत्ते के किस पुरखे का पिंडदान ब्रह्मशिला पर करना था कि…
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