‘ये आँखें’
'ये आँखें'
हृदय का दर्पण हैं ये आँखें
पलकों के पर्दे से ढकी
समुद्र की गहराई लिए ये आँखें
खुशी से छलक जाती हैं ये आँखें
दुःख में बह जाती हैं ये आँखें
जब कुछ न भी बोलो तब भी
बहुत कुछ कह जाती हैं ये आँखें ।
कभी चुलबुलाहट थी इनमें
अब…