पीएम मोदी ने देश को समर्पित किए दो नए आयुर्वेद संस्थान, बोले- दुनिया में वोकल होना जरूरी

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13नवंबर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पांचवें आयुर्वेद दिवस पर आयुर्वेद संस्थानों- जामनगर के आयुर्वेद अध्यापन एवं अनुसंधान संस्थान (ITRA) और जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (NIA) को राष्ट्र को समर्पित किया। पीएम ने कहा कि आयुर्वेद, भारत की विरासत है जिसके विस्तार में पूरी मानवता की भलाई समाई हुई है। पीएम मोदी ने कहा कि किस भारतीय को खुशी नहीं होगी कि हमारा पारंपरिक ज्ञान, अब अन्य देशों को भी समृद्ध कर रहा है। गर्व की बात है कि WHO ने Global Centre for Traditional Medicine की स्थापना के लिए भारत को चुना है। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में आयुर्वेद की परंपरा ने देश में फायदा किया है, कोरोना काल में हल्दी समेत अन्य चीज़ों ने इम्युनिटी बूस्टर का काम किया है।

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में आज दुनिया आयुर्वेद को लेकर कुछ नया जानना चाहती है और इस बारे में रिसर्च कर रही है। पीएम ने कहा कि देश में वैक्सीन पर ट्रायल चल रहा है, साथ ही दुनिया के करीब सौ से अधिक स्थानों पर आयुर्वेद की औषधि को लेकर रिसर्च चल रही है।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ये हमेशा से स्थापित सत्य रहा है कि भारत के पास आरोग्य से जुड़ी कितनी बड़ी विरासत है। लेकिन ये भी उतना ही सही है कि ये ज्ञान ज्यादातर किताबों में, शास्त्रों में रहा है और थोड़ा-बहुत दादी-नानी के नुस्खों में, इस ज्ञान को आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार विकसित किया जाना आवश्यक है। मुझे विश्वास है कि हमारे साझा प्रयासों से आयुष ही नहीं बल्कि आरोग्य का हमारा पूरा सिस्टम एक बड़े बदलाव का साक्षी बनेगा।

पीएम मोदी ने कहा कि बदलते समय के साथ आज हर चीज इंटीग्रेट हो रही है, स्वास्थ्य भी इससे अलग नहीं है। इसी सोच के साथ देश आज इलाज की अलग-अलग पद्धतियों के इंटीग्रेशन के लिए एक के बाद एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है, इसी सोच ने आयुष को देश की आरोग्य नीति का अहम हिस्सा बनाया है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि 21वीं सदी का भारत अब टुकड़ों में नहीं, Holistic तरीके से सोचता है। हेल्थ से जुड़ी चुनौतियों को भी अब holistic अप्रोच के साथ उसी तरीके से ही सुलझाया जा रहा है। आज देश में सस्ते और प्रभावी इलाज के साथ साथ Preventive healthcare wellness पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है।

गौरतलब है कि गुजरात के जामनगर में आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा दिया गया है। जयपुर में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान को मानद विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है। इसे आयुर्वेद की शिक्षा के आधुनिकीकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताते हुए जानकार कहते हैं कि इससे आयुर्वेद शिक्षण का स्तर बढ़ेगा और अनुसंधान को भी बढ़ावा मिलेगा।

बता दें कि साल 2016 से ही देश में धनवंतरी जयंती को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस बार आयुर्वेद दिवस की थीम कोरोना वायरस की महामारी के प्रबंधन में आयुर्वेद की भूमिका रखी गई है।

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