गुस्ताखी माफ़ हरियाणा।

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गुस्ताखी माफ़ हरियाणा।
पवन कुमार बंसल।

झूठ बोले कौव्वा काटे -काळा कौवे से डरियों।

विज के दरबार में झूठी शिकायत करने वालो की अब खैर नहीं। -झूठी शिकायत करने पर होगी कार्रवाई।
कहते है के दूध का जला छाछ को भी फूक मार-मार कर पीता है। यह बात अब गृह मंत्री अनिल विज के दरबार बारे हो रही है। अब वहा बाकायदा यह चेतावनी लिखी जाएगी की झूठी शिकायत करने पर कार्रवाई होगी। असल में पानीपत के थानेदार बलराज की ,एम्बुलेंस चलाने की अनुमति देने के लिए मंथली मांगने बारे दरबार में हुई झूठी शिकायत करने से उनके काफी किरकिरी हो रही थी। शिकायत मिलते ही विज ने डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस प्रशांत अग्रवाल को बलराज की मुअत्तली का आदेश दे दिया। खैर बाद में जाँच पर बलराज को बहाल कर दिया और उसके खिलफ झूठी शिकायत करने वाले अमरजीत के कारनामो की जाँच पुलिस कर रही है।
विज साहिब भी बधाई के पात्र है की उन्होंने इसे अपनी नाक का बाल नहीं बनाया और पानीपत के पुलिस अधीक्षक शशांक की रिपोर्ट के बाद उसे बहाल होने दिया। एक सलाह और, विज साहिब देर रात बारह बजे जिले के पुलिस अधीक्षक को फ़ोन करना बंद करो जब तक की कोई गंभीर बात न हो। ठीक है की पुलिस की ड्यूटी चौबीस घंटे की होती है लेकिन प्रत्येक व्यक्ति की निजी जिंदगी भी होती है। उसका सम्मान करना चाहिए।
ऐसा नहीं है की विज के दरबार से न्याय नहीं मिलता। दरबार का नाम रखो – विज से दिल की बात।

गुस्ताखी माफ़ हरियाणा को फील्ड से मिल रही रिपोर्टो के मुताबिक दरबार में कई मामलो में त्वरित न्याय मिलता है। एक सलाह और। विज साहब आप कोई महाराजा पटियाला तो हो नहीं जो दरबार लगायें। इसका नाम बदल कर रखो ‘ विज से करो दिल की बात। ‘

दुमछल्ला।
इनसे ज्यादा पंगे न लिया करो -इनके पास रिवाल्वर होती है , गोली चला देता तो में भी क्या करता ?– भजन लाल।
किस्सा करीब चार दशक पुराना है। कुरुक्षेत्र जिले से कोई कम्बोज साहब भजन लाल सरकार में मंत्री बने थे। शपथ लेने के बाद कुरुक्षेत्र गए तो संयोग से तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने ऐसे थानेदार की ड्यूटी उन्हें रिसीव करने पर लगा दी जिससे मंत्री जी काफी खफा थे।
अब मंत्री के सर पर तो कुर्सी का नशा सवार था। कहते है की जब खुदा हुस्न देता है तो नजाकत आ ही जाती है।
ज्योंही थानेदार ने मंत्री जी को सलाम ठोका तो मंत्री ने उन्हें गाली दे दी। अब जनाब थानेदार का भी खून खोल गया। उसने मंत्री पर सबके सामने हाथ उठा दिया और अपने पुलिस अधीक्षक के पास जाकर पेश हो गया जो काफी फुकरे थे। उनकी इसी कमी का फायदा उठाते हुए थानेदार ने कह दिया जनाब मंत्री कह रहा था की तेरी ड्यूटी किस बेवकूफ ने लगाई है। बस पुलिस अधीक्षक अपने थानेदार के बचाव पर आ गए।
बात चीफ मिनिस्टर भजन लाल तक पहुंची तो उन्होंने तो गजब कर दिया। थानेदार को तो मुअत्तल करके कुछ दिन बाद बहाल कर दिया लेकिन साथ – साथ मंत्री को सलाह दी ‘इनसे यानि पुलिस वालो से बेवजह पंगे न लिया करो। इनके पास रिवॉल्वर होता है। अगर गोली चला देता तो में भी क्या करता ?
ऐसे कई किस्से मेरे आने वाली किताब ‘खाकी के ससबरंगे किस्से में पढ़ने को मिलेंगे।

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