गुस्ताखी माफ़ हरियाणा: जब मसखरों ने भजन लाल को कहा कि आप तो होटल के बेरौ के हेड लगते हो!

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

गुस्ताखी माफ़ हरियाणा: जब मसखरों ने भजन लाल को कहा कि आप तो होटल के बेरौ के हेड लगते हो!
पवन कुमार बंसल।

भजनलाल जी को लोग कुछ भी कह सकते थे तो मजाक में लेते थे। जब सदलपुर के मसखरों ने भजन लाल को कहा की आप तो होटल के बेरौ के हेड लगते हो।

भजन लाल के बेटे चंद्रमोहन की शादी 23-2-89 को हुई। दिन में आदमपुर में प्रीतिभोज चल रहा था । तब वेटर की बजाय भोजन जिमाने का काम स्थानीय लोगों ने संभाला हुआ था। आखिर में जब बारात जयपुर जाने के लिए तैयार हुई तो भजन लाल पहली बार आदमपुर में धौती की बजाए काला कोट ,नेहरू जी टाइप सफेद अचकन गले में गुलबंद लपेटे हुए नई मंडी आदमपुर के निवास से बाहर निकले तो वहाँ मंडी के व्यापारियों ने बड़ी प्रशंसा की।

तभी सदलपुर के मसखरे भी बैठे थे. वे बोले कि हम भी कुछ कह सकते हैं जी। भजन लाल खुश होते हुए बोले कि हां! बोलो बोलो! तब उनमें एक बोला कि आप तो किसी बड़े होटल के बैरो के हैड लगते हैं तो हंसी का कहकहा छूट गया। सही भी था कि लोग बैरो की जगह काम करते रहे और भजन लाल बीच में खुद सबको खाने के लिए पुछते।

शादी कुलदीप की
जब कुलदीप बिश्नोई जी की शादी 18-11-91 को होने की तैयारी चल रही थी तो भजनलाल जी अपने समर्थक बेगराज बंसल से पूछ बैठे कि मिठाई कितनी तैयार हो गई। बंसल बताने लगे कि 150000गुलाब जामुनऔर इतने ही रसगुल्ले। ऐसे हास्य में बताया तो बराबर खड़े राजनीतिक सचिव भगतराम काकड़ से नहीं रहा गया और बोल पडे कि हद है इसने क्या गिणे है!? भजनलाल जी बोले कि भाई भगतराम! ये सेठ बहुत होशियार है ये क्विंटल में किलो और किलो में कितने गुलाब जामुन बनते हैं के हिसाब लगा कर सही कह रहा है। तो इस बात का उपस्थित सभी लोगों ने समर्थन किया।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.