गुस्ताखी माफ़ हरियाणा।
पवन कुमार बंसल।
*हरियाणा की राजनीती पर मेरी किताब” गुस्ताखी माफ़ हरियाणा” से साभार।
फौजियों के खच्चर अच्छे है हरियाणा के दलबदलू विधायकों से।
पहाड़ी क्षेत्रों में खच्चर सेना के जवानों के लिए जहाज का काम करते हैं । बात हविपा और भाजपा गठबंधन की बंसीलाल के नेतृत्व वाली सरकार की है । बंसी लाल की पार्टी हरियाणा विकास पार्टी के कुछ विधायक उनसे नाराज चल रहे थे । इधर उनकी सहयोगी पार्टी भारतीय जनता पार्टी भी बंसी लाल की कार्यशैली से खुश नहीं थी । बंसी लाल की सरकार को लेकर भाजपा आलाकमान में राय बंटी हुई थी। लाल कृष्ण आडवाणी और सुषमा स्वराज बंसीलाल सरकार को बनाए रखना चाहते थे । लेकिन सरकार में मंत्री राम विलास शर्मा सरकार और संगठन सचिव मनोहर लाल तोड़ना चाहते थे ।
इस अभियान को अटल बिहारी वाजपेयी का भी समर्थन था । हविपा और भाजपा के विधायकों ने मिलकर बंसीलाल की बंसी बजा दी थी । उन दिनों कारगिल की लड़ाई चल रही थी । एक तरफ हरियाणा के जवान अपनी नवविवाहित दुल्हन और बूढ़े माँ – बाप को भूल कर कारगिल की पहाड़ियों पर देश के लिए सिने में गोलिया खा रहे हे रहे थे । उधर दलबदलू विधायक राजनीति का गंदा खेल खेलते हुए सरकार तोड़ने में लगे थे । तब किसी ने टिप्पणी की थी कि हरियाणा के विधायकों से तो कारगिल के खच्चर अच्छे हैं जो फौजियों को रसद पहुंचाते हैं ।
*बांड पोलिसी: क्या इतिहास दोहराया जा रहा है
बांड पोलिसी को लेकर अनिल विज और मनोहर लाल आमने सामने -पेंतालिस साल पहले मंत्री सुषमा स्वराज और चीफ मिनिस्टर देवीलाल भी आमने सामने हुए थे। क्या इतिहास दोहराया जा रहा है ?तब देवीलाल ने फरीदाबाद में एक सार्वजनिक समारोह में सुषमा स्वराज को अयोग्य बता मंत्री पद से बर्खास्त करने का ऐलान कर दिया था। फरीदाबाद में मजदूरों पर गोली चलाने के विरोध में लेबर मिनिस्टर सुषमा स्वराज आग बबूला हो गयी थी और आंदोलन में शामिल मजदूरों को मिलने को चली गयी थी। तब चन्दरशेखर के दवाब में देवीलाल को अपना फैसला वापिस लेना पड़ा था।
राजनीतिक हलकों में यह सवाल पूछा जा रहा है की मनोहर लाल क्या स्टैंड लेंगे क्योंकि विज द्वारा खुलकर डॉक्टरों के समर्थन में आने से वो तो हीरो बन गए है और मनोहर किम छवि विलेन के रूप में बन बन गयी है?
हालांकि मुख्यमंत्री अपने महकमे के मंत्री की बात मानने के लिए बाध्य नहीं है लेकिन विज द्वारा स्टैंड लेने से मनोहर लाल की स्थिति हास्यपद हो गयी है।
अब क्या मनोहर लाल विज का महकमा बदलते है ?