
*मप्र गजब है
मप्र में लगभग 12 वर्ष पहले एक बेहद ईमानदार छवि के आईएएस को एक निर्माण विभाग का मुखिया बनाया गया। आईएएस ने सबसे पहला काम यह किया कि अपने गाँव के एक मित्र और उनके बच्चों के नाम से कंपनी बनवाई और विभाग में निर्माण ठेकों के लिए उसे रजिस्टर्ड कराया। चर्चा है कि इस कंपनी को लगभग सैकड़ों करोड़ के ठेके दिए गए। विभाग के सभी अधिकारियों को जानकारी है कि यह कंपनी साहब के भतीजे की है, लेकिन साहब का इतना आतंक था कि जिसने भी साहब के खिलाफ मुंह खोला उसे बर्बाद कर दिया। रिटायरमेंट के बाद साहब के कारनामों की फाइलें खुलना शुरू हो गई हैं। साहब की यह कंपनी ई टेंडर घोटाले के साथ जीएसटी के निशाने पर भी है। इस कंपनी और साहब के संबंधों को लेकर जल्दी ही बड़े खुलासे हो सकते हैं।
*अनुराग होंगे नये मुख्य सचिव
मप्र को इस महीने नया मुख्य सचिव मिलने वाला है। अब लगभग यह तय माना जा रहा है कि अनुराग जैन ही प्रदेश के नये प्रशासनिक मुखिया होंगे। सुना है कि दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अनुराग जैन दीपावली पर सपरिवार भोपाल आए। वे मुख्यमंत्री से मिलने सीएम हाऊस पहुंचे तो शिवराज सिंह चौहान ने अपने परिवार के साथ ही उनसे आत्मीय मुलाकात की। अनुराग जैन ने मंत्रालय में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस से भी सौजन्य मुलाकात की। इन मुलाकातों के बाद अनुराग जैन के मुख्य सचिव बनने की खबरों को बल मिला है। वैसे भी अनुराग जैन बेहद ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अफसर हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मप्र केडर के जिन दो चार अफसरों को नाम से पुकारते हैं उनमें अनुराग जैन भी शामिल हैं। यानि वे प्रधानमंत्री मोदी के भी पसंदीदा अफसर हैं।
*वरिष्ठ आईपीएस अफसर से परेशान पुलिस मुख्यालय
पुलिस मुख्यालय और भोपाल पुलिस के अफसर एक वरिष्ठतम आईपीएस अधिकारी की हरकतों से परेशान हैं। यह आईपीएस अफसर अपने प्रभाव का दुरूपयोग कर अपने ही रिश्तेदारों के खिलाफ भोपाल के थानों में झूठी एफआईआर करा रहे हैं। पहले उन्होंने सम्पत्ति विवाद में अपने सगे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। साले हाईकोर्ट पहुंचे तो हाईकोर्ट ने आईपीएस को जमकर फटकार लगाई। अब आईपीएस ने अपने सगे बड़े भाई के खिलाफ किसी अन्य से झूठी एफआईआर करा दी है। आईपीएस का बड़े भाई से भी सम्पत्ति विवाद चल रहा है। आईपीएस का भाई पुलिस मुख्यालय से लेकर भोपाल पुलिस अफसरों को सफाई देता घूम रहा है। सब कुछ जानकर भी इस आईपीएस के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। चर्चा है कि पुलिस मुखिया ने भोपाल पुलिस को निर्देश दिए हैं कि आईपीएस के दबाव में एफआईआर करना बंद करें। जो एफआईआर हुई हैं उनमें निष्पक्ष कार्रवाई करें।
*लेखा अधिकारी का तबादला रुकवाने अस्पताल संचालक ने की लॉबिंग
राज्य शासन के वित्त विभाग ने हाल ही में तबादला नीति के तहत लेखा अधिकारियों के तबादले किए हैं। इसी तबादला आदेश में आयुष्मान भारत योजना में पिछले कई सालों से पदस्थ लेखा अधिकारी का तबादला भी किया गया है। खबर है कि इस लेखा अधिकारी का तबादला रुकवाने के लिए भोपाल के एक नामी अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज के मुखिया ने लॉबिंग की। खास बात यह है कि जिस लेखा अधिकारी का तबादला रुकवाने के लिए मेडिकल कॉलेज के मुखिया ने लॉबिंग की है। वह आयुष्मान भारत के भोपाल मुख्यालय में रोजाना अस्पतालों को करोड़ का भुगतान करती है। लेखा अधिकारी को शिकायतों के चलते हटाया गया था लेकिन तगड़ी सिफारिशों की वजह से उसे आयुष्मान भारत से रिलीव नहीं किया गया। इसकी शिकायतें मुख्यमंत्री कार्यालय, मंत्री से लेकर अखबारों के दफ्तरों में पहुंच रही हैं। शिकायत में तो यह भी आरोप है कि लेखा अधिकारी का तबादला रोकने के लिए मंत्री बंगले से डील भी हो चुकी है। हालांकि अब कोई तरकीब काम नहीं आने वाली। क्योंकि लेखा अधिकारी को पूर्व में शिकायतों के चलते ही हटाया गया था। अब चूंकि मंत्री बंगला लपेटे में है तो तबादला रुकना बेहद मुश्किल है।
*तबादलों के इंतजार में अफसर
प्रदेश में आईएएस आईपीएस अफसरों की तबादला सूची पिछले कई महीनों से लंबित है। हर महीने एक या दो बार ऐसा माहौल बनाया जाता है कि जल्द ही तबादला सूची जारी होने वाली है। सूची के इंतजार में कई अफसर ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। जिसको लेकर विभागाध्यक्ष और मंत्रालय के अधिकारी भी खासे परेशान हैं। प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते बड़े प्रशासनिक फेरबदल होना है। एक दर्जन से ज्यादा जिलों के कलेक्टर एसपी निकाय चुनाव के बाद से अपने बोरी बिस्तर बांध कर तैयार बैठे हैं, लेकिन तबादला सूची है कि बाहर नहीं आ पा रही है। जिन अफसरों का तबादला होना है वे बेमन से काम कर रहे हैं।
*तीनों बहन भाई ऊपर चले गये, विवाद नीचे छोड़ गये
भोपाल नबाव हमीदउल्ला खान की वारिस उनकी बेटी बेगम साजिदा सुल्तान के तीनों बेटे बेटी इस फानी दुनिया से कूच गये, लेकिन भोपाल में करोड़ों की सम्पत्ति के अनेक विवाद छोड़ गये हैं। तीनों भाई बहनों में सबसे छोटी बेटी साबिया सुल्तान का पिछले दिनों हैदराबाद में इंतकाल हो गया। इसके पहले उनके भाई मंसूर अली खान पटौदी और बड़ी बहन सालेहा सुल्तान का भी निधन हो चुका है। इन तीनों भाई बहन जीवित रहते सम्पत्ति के लिए आपस में झगड़ते रहे। इनके जाने के बाद भी भोपाल की तमाम सम्पत्तियों के विवाद आज भी कोर्ट कचहरी में चल रहे हैं। फिलहाल इस परिवार के मुखिया फिल्म स्टार सैफ अली खान है जो मंसूर अली खान पटौदी व शर्मिला टैगोर के इकलौते बेटे हैं। वे भी शायद ही अपने पूरे जीवनकाल में सम्पत्तियों के इन विवादों को निपटा पाएं। वैसे भी सैफ भोपाल के अलावा पटौदी स्टेट के भी नवाब हैं, लेकिन उनकी रूचि फिल्मों में है। उनकी भोपाल में खास रूचि भी नहीं है।
*और अंत में…!!
जबलपुर ईओडब्ल्यू ने जल संसाधन विभाग के एक पूर्व अफसर को भ्रष्टाचार के गंभीर मामले में उठाने की तैयारी कर ली थी। यह पूर्व अफसर रिटायरमेंट के बाद जबलपुर में रहने लगे थे, लेकिन ईओडब्ल्यु का शिकंजा कसने के बाद भोपाल शिफ्ट हो गये हैं।इस पूर्व अफसर को गिरफ्तार करने जबलपुर ईओडब्ल्यु को भोपाल मुख्यालय से भी औपचारिक सिग्नल मिल गया था। लेकिन संयोग से दीपावली के एक दिन पहले जबलपुर ईओडब्ल्यु एसपी को अचानक ब्रेन हेमरेज हो गया जिस कारण उन्हें गुडगाँव के मेदांता अस्पताल में भर्ती किया गया है। एसपी के अस्वस्थ होने के कारण फिलहाल इस पूर्व अफसर की गिरफ्तारी टल गई है। माना जा रहा है कि इस अफसर की गिरफ्तारी से जल संसाधन विभाग में भ्रष्टाचार की कई परतें खुल सकती हैं।