समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2सितंबर। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है और हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है. मान्यता है कि पितृ पक्ष में पूर्वज धरती पर आते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं. ऐसे में पूरे विधि-विधान के साथ उनका तर्पण व पिंडदान करना चाहिए. इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है.
कब शुरू हो रहा है पितृ पक्ष 2022
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 10 सितंबर 2022 को है. इस दिन से ही पितृ पक्ष की शुरुआत होगी और इसका समापन 25 सितंबर 2022 को होगा.
पितृ पक्ष 2022 की तिथियां
पूर्णिमा श्राद्ध – 10 सितंबर, शनिवार
द्वितीया श्राद्ध -11 सितंबर, रविवार
तृतीया श्राद्ध – 12 सितंबर, सोमवार
चतुर्थी श्राद्ध – 13 सितंबर, मंगलवार
पंचमी श्राद्ध – 14 सितंबर, बुधवार
षष्ठी श्राद्ध – 15 सितंबर, बृहस्पतिवार
सप्तमी श्राद्ध -16 सितंबर, शुक्रवार
अष्टमी श्राद्ध -18 सितंबर, शनिवार
नवमी श्राद्ध – 19 सितंबर, रविवार
दशमी श्राद्ध – 20 सितंबर, सोमवार
एकादशी श्राद्ध – 21 सितंबर, मंगलवार
द्वादशी/संन्यासियों का श्राद्ध – 22 सितंबर, बुधवार
त्रयोदशी श्राद्ध – 23 सितंबर, बृहस्पतिवार
चतुर्दशी श्राद्ध – 24 सितंबर, शुक्रवार
अमावस्या श्राद्ध, सर्वपितृ अमावस्या – 25 सितंबर, शनिवार
पितृ पक्ष का महत्व
पितृ पक्ष यानि श्राद्ध के दौरान पूर्वजों का तर्पण किया जाता है और इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है. कहते हैं कि तर्पण से ही पितरों को मुक्ति मिलती है और वह अपना आशीर्वाद देते हैं. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान पूर्वज धरती पर आते हैं और हमारे आस-पास मौजूद होते हैं. यदि विधि-विधान से उनका श्राद्ध किया जाए तो वह पितरों को मुक्ति मिलती है.