काली’ की डायरेक्टर लीना मणिमेकलाई के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में यूपी और दिल्ली में एफआईआर दर्ज
समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 5 जुलाई। उत्तर प्रदेश पुलिस ने निर्देशक लीना मणिमेकलाई के खिलाफ उनकी नई डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ के लिए एफआईआर दर्ज की है। उनपर आरोप है कि उन्होंने एक पोस्टर ट्वीट करके जानबूझकर धार्मिक भावनाओं का उल्लंघन करने का काम किया है। बता दें कि पोस्टर में एक महिला को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है।
4 जुलाई को, फिल्म निर्माता के खिलाफ हजरतगंज पुलिस स्टेशन में आपराधिक साजिश, पूजा स्थल पर अपराध, जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने और शांति भंग करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
UP police register FIR on charges of criminal conspiracy, offense in place of worship, deliberately hurting religious sentiments, intention to provoke breach of peace against filmmaker Leena Manimekalai for her movie 'Kaali' about disrespectful depiction of Hindu Gods pic.twitter.com/YV97J23fcG
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 5, 2022
प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी, 153-बी, 295, 295-ए, 298, 504, 505 (1) (बी), 505 (2), 66 और 67. (आईपीसी) के तहत दर्ज की गई थी। दिल्ली पुलिस की IFSO इकाई द्वारा IPC की धारा 153A और 295A के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इससे पहले, दिल्ली के एक वकील विनीत जिंदल ने विवादास्पद पोस्टर को लेकर फिल्म निर्माता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें मांग की गई थी कि आपत्तिजनक फोटो और डॉक्यूमेंट्री की क्लिप को कनाडा के टोरंटो में आगा खान संग्रहालय से हटा दिया जाए।
जिंदल के अनुसार, देवी काली के वेश में एक महिला सिगरेट पी रही है, जो “हिंदू समुदाय की भावनाओं और विश्वासों को आहत कर रही है।” गौ महासभा के सदस्य अजय गौतम ने भी लीना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
मदुरै में जन्मे फिल्म निर्माता द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए गए डॉक्यूमेंट्री पोस्टर में एक महिला को देवी के रूप में कपड़े पहने और सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है।
एलजीबीटी समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाला झंडा पृष्ठभूमि में देखा जा सकता है। देवी काली के चित्रण ने धार्मिक संवेदनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई।
अपने पोस्टर के लिए आलोचनाओं के बाद, लीना ने अपना बचाव करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया और मणिमेकलाई ने एक ट्विटर पोस्ट में लिखा, “मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं है। जब तक मैं जीवित हूं, मैं एक ऐसी आवाज बनकर रहना चाहती हूं जो निडर होकर बोलती रहे। अगर इसकी कीमत मेरी जिंदगी है, तो इसे दिया जा सकता है।” जब इस पर विवाद बढ़ने लगा तक लीना ने तमिल में पोस्ट शेयर कर लिखा, “इस फिल्म में दिखाया गया है कि एक शाम काली प्रकट होती हैं और टोरंटो की सड़कों पर घूमने लगती हैं। यदि आप इस फिल्म को देखेंगे तो आप मेरी गिरफ्तारी की मांग करने की बजाए मुझसे प्यार करने लगोगे।”
इस बीच, भारतीय उच्चायोग ने सोमवार को कनाडा के अधिकारियों से टोरंटो के आगा खान संग्रहालय में ‘अंडर द टेंट’ परियोजना में हिंदू देवताओं के अपमानजनक चित्रण को वापस लेने का आग्रह किया।
कनाडा में भारतीय उच्चायोग की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, “हम कनाडा के अधिकारियों और कार्यक्रम के आयोजकों से ऐसी सभी उत्तेजक सामग्री को वापस लेने का आग्रह करते हैं।”