भारत विश्व व्यापार संगठन के 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में आगे आकर कार्य कर रहा है : पीयूष गोयल

 भारत ने न केवल अपने मुद्दों को उठाया बल्कि अन्य विकासशील देशों, अल्प विकसित देशों (एलडीसीज), गरीबों और कमजोर लोगों के मुद्दों को बड़ी संवेदनशीलता के साथ उठाया

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18जून। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले और खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने विश्व व्यापार संगठन के 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी) के आज जिनेवा में समापन के अवसर पर कहा कि हमारे किसानों और मछुआरों के खिलाफ एक मजबूत वैश्विक अभियान के बावजूद भारत कई वर्षों के बाद विश्व व्यापार संगठन में एक अनुकूल परिणाम हासिल करने में सक्षम हुआ है। हाल ही में समाप्त हुई एमसी12 को “परिणाम उन्मुख” सफलता बताते हुए श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा लगातार निर्देशित भारतीय प्रतिनिधिमंडल अब दुनिया के सामने भारत और विकासशील दुनिया के लिए प्राथमिकता वाले मुद्दों को प्रस्तुत करने में 100 प्रतिशत सफल रहा है।

श्री गोयल ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने दुनिया के साथ भारत के उन मजबूत संबंधों का लाभ उठाया जिन्हें प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने पिछले कुछ वर्षों में पल्लवित किया है।

“कुछ देशों ने शुरू में रविवार और सोमवार को इस आशय का दुष्प्रचार अभियान चलाने का प्रयास किया कि भारत के अड़ियलपन के कारण कोई प्रगति नहीं हो रही है। श्री गोयल ने जिनेवा में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वास्तविक स्थिति हम सबके सामने आ चुकी है और भारत द्वारा उठाए गए जिन मुद्दों पर प्रधानमंत्री ने हमें ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा था उन्हें अब पूरी दुनिया मानती है कि यही सही एजेंडा था और आखिरकार भारत ने सभी समाधानों पर पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

यह कहते हुए कि आज विश्व व्यापार संगठन में 135 करोड़ भारतीयों के लिए गर्व का दिन है, श्री गोयल ने कहा कि भारत ने आगे आकर पहल की और वह सम्मेलन के केंद्र में था। “इसने वार्ता की दिशा को विफलता, निराशा और विनाश से आशावादिता, उत्साह और सर्वसम्मति-आधारित परिणाम में बदल दिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक व्यवस्था के बावजूद मुद्दों पर चर्चा के लिए सदस्यों को एक मेज पर लाने के भारत के प्रयासों ने सुनिश्चित किया है कि विश्व व्यवस्था नहीं टूटी है”।

यह स्वीकार करते हुए कि भारत और विकासशील देशों ने 30 साल पहले विश्व व्यापार संगठन की स्थापना के समय और उरुग्वे दौर की वार्ता के दौरान कुछ समझौता करने वाले निर्णयों को स्वीकार किया था। श्री गोयल ने कहा कि भारत आज विभिन्न मुद्दों पर भयभीत होने के बजाय फ्रंट फुट पर बल्लेबाजी करता है, चाहे वह पर्यावरण हो, स्टार्टअप हो अथवा एमएसएमई या लैंगिक समानता। यह न्यू इंडिया के भरोसे का नतीजा है। उन्होंने कहा कि भारत आम सहमति बनाने और दुनिया के लिए हर तरह से फायदे का सौदा पाने में सक्षम है।

“आज जब हम भारत लौट रहे हैं तो कोई भी ऐसा मुद्दा नहीं है जिस पर हमें जरा सा भी चिंतित रहना चाहिए। अब चाहे वह एमएसपी जैसे कृषि से संबंधित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) हो, या फिर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम अथवा पीएम गरीब कल्याण योजना को पूरा करने के लिए सार्वजनिक स्टॉकहोल्डिंग कार्यक्रम की प्रासंगिकता, बौद्धिक संपदा अधिकारों (ट्रिप्स- टीआरआईपीएस) पर छूट (वेव), ई-कॉमर्स स्थगन, कोविड और मत्स्य पालन की प्रतिक्रिया को मजबूत करना होI श्री गोयल ने कहा,” इसी तरह जिस मछली पकड़ने के बारे में हमारे मछुआरे बहुत चिंतित थे तथा जो भारत के कारीगर और पारंपरिक मछुआरों के भविष्य को बांध देता उस पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। भारत इसमें शत-प्रतिशत सफल रहा है और भारत या सरकार पर कोई प्रतिबंध या शर्तें नहीं लगाई गई हैं, बल्कि हम अवैध रूप से मछली पकड़ने, अंडर-रिपोर्टिंग या बाहरी विनियमन, जैसे आईयूयू मछली पकड़ने पर रोक लगाने में सफल रहे हैं।

श्री गोयल ने कहा कि भारत विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। अफगानिस्तान को भारत की हालिया गेहूं आपूर्ति का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने अन्य देशों में खाद्य सुरक्षा के लिए डब्ल्यूएफपी खरीद पर कोई निर्यात प्रतिबंध नहीं लगाया है; तथापि, घरेलू खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है।

कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक लड़ाई पर, श्री गोयल ने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकारों (ट्रिप्स- टीआरआईपीएस) के व्यापार संबंधी पहलुओं के फैसले से वैक्सीन समानता (इक्विटी), पहुंच और सामर्थ्य को बढ़ावा मिलेगा। यह पेटेंट टीकों के उत्पादन के लिए प्राधिकरण में आसानी को सक्षम करेगा और भारत घरेलू आवश्यकताओं तथा निर्यात के लिए उत्पादन कर सकता है।

विश्व व्यापार संगठन के सुधारों के एजेंडे पर, श्री गोयल ने कहा कि सर्वसम्मति, एस एंड डीटी प्रावधानों, एसडीजी लक्ष्यों सहित डब्ल्यूटीओ के बुनियादी ढांचे और मूल सिद्धांतों को इसे और अधिक समकालीन बनाते हुए बनाए रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि “मेरा मानना है कि यह विश्व व्यापार संगठन के लिए अच्छा होगा तथा भविष्य में विकासशील और कम विकसित देशों के लिए अच्छा होने के साथ ही पारदर्शी माध्यमों से वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देगा”।

श्री गोयल ने कहा कि भारत का ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का आदर्श वाक्य विश्व व्यापार संगठन में प्रतिध्वनित हुआ है, भारत ने न केवल अपने मुद्दों को उठाया बल्कि अन्य विकासशील देशों, अल्पविकसित देशों (एलडीसीज), गरीब और कमजोर लोगों के मुद्दों को संवेदनशीलता के साथ उठाया और उनके लिए निडर होकर लड़ाई लड़ी।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.