समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 6 अक्टूबर।
हाथरस कांड में बढ़ते विवादो औऱ राजनीति को देखते हुए यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से सीबीआइ जांच के लिए आग्रह किया है।
हाथरस कांड पर यूपी सरकार और हाथरस जिला प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को अपना पक्ष रखा। सुप्रीम कोर्ट में हाथरस दुष्कर्म और हत्या की सीबीआई या एसआईटी से जांच कराने की मांग की जनहित याचिका पर सुनवाई थी।
यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 29 सितंबर को रात में मृत युवती के अंतिम संस्कार करने के मामले पर अपनी सफाई दी। बता दें कि हाथरस जिला प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एफिडेविट में दावा किया है कि जिला को बड़ी हिंसा से बचाने के लिए मृत युवती के माता-पिता को रात में अंतिम संस्कार करने के लिए मना लिया।
जिला प्रशासन ने कहा कि खुफिया रिपोर्ट के अनुसार वहां पर लाखों लोग एकत्र होंगे, जिससे बड़े बवाल की संभावना जताई जा रही थी। यह लोग वहां पर इस प्रकरण को जाति के साथ सांप्रदायिक रंग दे सकते थे।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वह हाथरस केस की सीबीआइ जांच की निगरानी करे। यूपी सरकार ने कोर्ट को बताया कि हाथरस मामले के बहाने सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर यूपी सरकार को बदनाम करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ता सत्यम दुबे और दो वकील विशाल ठाकरे और रुद्र प्रताप यादव की याचिका पर सुनवाई की। इस याचिका में उत्तर प्रदेश के अधिकारियों पर आरोप लगाया गया है कि वे इस मामले के सुलझाने में असफल रहे है। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि पीड़िता की लाश को पुलिस ने परिवारवालों की सहमति के बिना जलाया था।