समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6अप्रैल। हिंदू धर्म में आदिशक्ति मां दुर्गा के भक्तों के लिए खास होता है। नवरात्रि के पावन दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस साल चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से प्रारंभ हो चुके हैं, जो कि 11 अप्रैल को समाप्त होंगे। 6 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का पांचवां दिन है। नवरात्रि के पांचवे दिन मां के पंचम स्वरूप माता स्कंदमाता की पूजा- अर्चना की जाती है। मां अपने भक्तों पर पुत्र के समान स्नेह लुटाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां की उपासना से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। मां का स्मरण करने से ही असंभव कार्य संभव हो जाते हैं।
मां स्कंदमाता का स्वरूप
स्कंदमाता कमल के आसन पर विराजमान हैं, यही कारण कि मां को पद्मासना देवी भी कहा जाता है। मां स्कंदमाता को पार्वती एवं उमा नाम से भी जानते हैं। मां की उपासना से संतान की प्राप्ति होने की मान्यता है। मां का वाहन सिंह है। मां स्कंदमाता सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं।
नवरात्रि का पांचवां दिन- शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:34 ए एम से 05:20 ए एम
विजय मुहूर्त- 02:30 पी एम से 03:20 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 06:29 पी एम से 06:53 पी एम
अमृत काल- 04:06 पी एम से 05:53 पी एम
सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन
रवि योग- 07:40 पी एम से 06:05 ए एम, अप्रैल 07
स्कंदमाता पूजा विधि-
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
मां की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं।
स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें।
मां को रोली कुमकुम भी लगाएं।
मां को मिष्ठान और पांच प्रकार के फलों का भोग लगाएं।
मां स्कंदमाता का अधिक से अधिक ध्यान करें।
मां की आरती अवश्य करें।