केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ भारत बंद, केरल-बंगाल में दिखा भारत बंद का असर, कोलकाता में रेलवे ट्रैक को किया ब्लाक

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समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 28 मार्च। श्रम कानूनों में बदलाव और केंद्र के निजीकरण के फैसले के विरोध में ट्रेड यूनियनों की दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल (भारत बंद) आज से शुरू हो गई है। इस दौरान बैंकों और कई औद्योगिक क्षेत्रों में इसका खासा असर देखने को मिला। बता दें कि सबसे ज्यादा असर पश्चिम बंगाल और केरल में देखने को मिल रहा है। बंगाल में विभिन्न ट्रेड यूनियनों द्वारा इस हड़ताल के मद्देनजर लेफ्ट के सदस्यों ने कोलकाता के जादवपुर रेलवे स्टेशन पर भारी संख्या में इकट्ठा होकर रेलवे ट्रैक को ब्लाक कर दिया है।

केरल में सड़कें वीरान

ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर केरल की सड़कों तक देखने को मिला है। यूनियनों के कार्यकर्ताओं ने राज्य में बंद को सफल कराने के लिए दुकानें तक बंद करा दी और राज्य की सड़कें भी विरान दिखाई दे रहीं हैं। वहीं एक व्यक्ति ने इस दौरान बताया कि हड़ताल के चलते उन्हें अपने ऑफिस जाने में दिक्कत हो रही है क्योंकि उन्हें कोई यातायात का साधन नहीं मिल रहा है।

यह लोग हैं इस हड़ताल में शामिल

बता दें कि यूनियनों का दावा है कि इस हड़ताल में रोडवेज, बैंक कर्मी और बिजली कर्मी आदि कई लोग हैं। गौरतलब है कि बैंक यूनियन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के नीजीकरण और बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021 के विरोध में इस बंद में शामिल हो रहे हैं। भारतीय मजदूर संघ ने इस हड़ताल में शामिल न होने का ऐलान किया है। संघ का कहना है कि यह भारत बंद राजनीति से प्रेरित है इसका मुख्य मकसद चुनिंदा राजनीतिक दलों के एजेंडे को पूरा करना है।

इन्होंने किया हड़ताल का आह्वान

हड़ताल का आह्वान कोयला, इस्पात, तेल, दूरसंचार, डाक, आयकर, तांबा, बैंक और बीमा सहित क्षेत्रों के श्रमिक संघों ने किया है। ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के अनुसार, हड़ताल में औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों के 20 करोड़ से अधिक श्रमिकों की भागीदारी की उम्मीद है।

केंद्र सरकार की कई नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का एक संयुक्त मंच केंद्र सरकार की कई नीतियों के खिलाफ 28 और 29 मार्च को दो दिवसीय भारत बंद (राष्ट्रव्यापी बंद) का आह्वान कर रहा है। संयुक्त मंच में ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस, इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स, ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर, ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर सहित कई ट्रेड यूनियन शामिल हैं। इनके अलावा (टीयूसीसी), स्व-नियोजित महिला संघ (सेवा), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (एआईसीसीटीयू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी) ने हड़ताल का आह्वान किया है।

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