समग्र समाचार सेवा
पटना, 4 अक्टूबर।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए के दो अहम साझीदार भाजपा और जदयू की बैठकों अभी जारी है। एलजेपी पर जारी सस्पेंस के बीच एनडीए में सीट-बंटवारे को लेकर समाधान लगभग तय हो चुके है। दोनों दलों के विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान सभी विवादास्पद सीटों पर चर्चा की गई और एक सौहार्दपूर्ण समाधान निकाल लिया गया है।
भाजपा ने बताया है कि दोनों साझेदारों ने पहले चरण के लिए सीटों को अंतिम रूप दे दिया है और कुछ सीटों को लेकर गतिरोध बना हुआ है। हालांकि सीट विभाजन 50-50 के आधार पर होना है।
भाजपा के दो बिहार प्रभारी महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव नई दिल्ली में रविवार को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में पार्टी अध्यक्ष को इस बारे में अवगत कराएंगे। इससे संबंधित भाजपा रविवार की देर शाम तक अपनी सूची जारी कर सकती है।
एनडीए की बैठक में भाजपा के बिहार प्रभारी फडणवीस और यादव के अलावा भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी और संगठनात्मक सचिव नागेंद्र जी ने प्रतिनिधित्व किया वहीं जदयू का प्रतिनिधित्व सांसद राज रंजन उर्फ लल्लन सिंह और आरसीपी सिंह, स्पीकर विजय कुमार चौधरी और मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने किया था। हालांकि लोक जन शक्ति पार्टी का राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में तीसरे साथी के रूप में मौजूदगी पर संदेह बरकरार है। लोजपा ने 147 सीटों पर लड़ने का इशारा किया है।
इस मुद्दे के अलावा लोजपा ने अपनी पसंद की सीटों के साथ-साथ जदयू और भाजपा के गढ़ माने जाने वाली कुछ सीटों की भी मांग की है। जदयू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पार्टी का गठबंधन केवल भाजपा के साथ है यह भाजपा को तय करना है कि वह LJP को कितनी सीटें देना चाहती है। यह उनका आंतरिक मामला है।
भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि अगर लोजपा गठबंधन से बाहर निकलने का फैसला करती है, तो पार्टी प्लान बी के साथ तैयार है और मुकेश सैनी की वीआईपी पार्टी में भूमिका कर सकती है। सैनी ने शनिवार को महागठबंधन से एक नाटकीय घटनाक्रम में वाकआउट किया। लोजपा धमकी दे रही है कि अगर उसकी 42 सीटों की मांग पूरी नहीं हुई तो वह एनडीए से अलग हो जाएगी और जदयू के खिलाफ चुनाव लड़ेगी।