कैंसर से जूझ रहे राहुल बजाज का 83 साल की उम्र में निधन

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समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 12 फरवरी। बजाज के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज का शनिवार को पुणे में निधन हो गया। वे 83 साल के थे। बजाज लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे। वे पिछले एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे। रूबी हॉल क्लिनिक के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. पुरवेज ग्रांट ने कहा कि उन्हें निमोनिया था और दिल की भी समस्या थी। राहुल बजाज ने दोपहर 2.30 बजे आखिरी सांस ली है। इस दौरान उनके परिवार के करीबी सदस्य उनके पास मौजूद थे।

राहुल का जन्म 10 जून, 1938 को कोलकाता में हुआ

राहुल का जन्म 10 जून, 1938 को कोलकाता में मारवाड़ी बिजनेसमैन कमलनयन बजाज और सावित्री बजाज के घर हुआ था। बजाज और नेहरू परिवार में तीन जनरेशन से फैमिली फ्रैंडशिप चली आ रही थी। राहुल के पिता कमलनयन और इंदिरा गांधी कुछ समय एक ही स्कूल में पढ़े थे। 2001 में उन्हें पद्म भूषण का सम्मान भी मिल चुका है।

1965 में संभाला था बजाज ग्रुप का जिम्मा

राहुल बजाज ने 1965 में बजाज ग्रुप की जिम्मेदारी संभाली थी। उनकी अगुआई में बजाज ऑटो का टर्नओवर 7.2 करोड़ से 12 हजार करोड़ तक पहुंच गया और यह स्कूटर बेचने वाली देश की अग्रणी कंपनी बन गई। वे 50 साल तक बजाज ग्रुप के चेयरमैन रहे। 2005 में राहुल ने बेटे राजीव को कंपनी की कमान सौंपनी शुरू की थी। तब उन्होंने राजीव को बजाज ऑटो का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया था, जिसके बाद ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में कंपनी के प्रोडक्ट की मांग न सिर्फ घरेलू बाजार में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी बढ़ गई।

गैरेज शेड में बनाया था पहला बजाज स्कूटर

देश की दिग्गद टू-व्हीलर कंपनी बजाज की जड़ें स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी हुई हैं। जमनालाल बजाज (1889-1942) अपने युग के यशस्वी उद्योगपति थे, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भी हिस्सा लिया था। आजादी की लड़ाई के दौरान वे महात्मा गांधी के ‘भामाशाह’ थे। 1926 में उन्होंने ट्रेडिंग करने के लिए उन्हें गोद लेनेवाले सेठ बछराज के नाम से एक फर्म बनाई बछराज एंड कंपनी। 1942 में 53 वर्ष की उम्र में उनके निधन के बाद उनके दामाद रामेश्वर नेवटिया और दो पुत्रों कमलनयन और रामकृष्ण बजाज ने बछराज ट्रेडिंग कारपोरेशन की स्थापना की। 1948 में इस कंपनी ने आयातित कॉम्पोनेंट्स से असेम्बल्ड टू-व्हीलर और थ्री व्हीलर लान्च किए थे। पहला बजाज वेस्पा स्कूटर गुड़गांव के एक गैरेज शेड में बना था।

बजाज के बुकिंग नंबर बेचकर लोगों ने लाखों कमाए

कम मूल्य और कम रखरखाव के साथ छोटे परिवार और छोटे ट्रेडर्स के लिए बेहद उपयुक्त बजाज ब्रांड वेस्पा स्कूटर बहुत जल्दी इतने लोकप्रिय हो गए कि 70 और 80 के दशक में बजाज स्कूटर खरीदने के लिए लोगों को 15 से 20 साल इंतजार करना पड़ता था। कई लोगों ने तो उन दिनों बजाज स्कूटर के बुकिंग नंबर बेचकर लाखों कमाए और घर बना लिए।

60 सीसी का एक हल्का स्कूटर सनी लॉन्च किया

1990 में बजाज ने यंग जनरेशन खासकर युवतियों को टारगेट कर 60 सीसी का एक हल्का स्कूटर सनी लॉन्च किया। लॉन्चिंग के साथ ही यह इंडियन यूथ की पहली पसंद बन गई थी। यह कंपनी की पहली सिंगल गेयर स्कूटर था। कंपनी ने 1997 में इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया। 1990 में बजाज ने यंग जनरेशन खासकर युवतियों को टारगेट कर 60 सीसी का एक हल्का स्कूटर सनी लॉन्च किया। लॉन्चिंग के साथ ही यह इंडियन यूथ की पहली पसंद बन गई थी। यह कंपनी की पहली सिंगल गेयर स्कूटर था। कंपनी ने 1997 में इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया।

टीचर को कह दिया था यू जस्ट कान्ट बीट अ बजाज

बचपन में क्लास रूम से निकाले जाने पर अपने टीचर को ‘यू जस्ट कान्ट बीट अ बजाज’ कहने वाले राहुल बजाज की फितरत किसी के अधीन काम करने वाली नहीं रही। राहुल बजाज व फिरोदिया परिवार में कारोबार के विभाजन को लेकर विवाद हुआ। सितम्बर 1968 में लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद फिरोदियाज को बजाज टेम्पो मिला और राहुल बजाज बजाज ऑटो के चेयरमेन व मैनेजिंग डायरेक्टर बने। उनके तब प्रतिस्पर्धी थे- एस्कार्ट, एनफील्ड, एपीआई, एलएमएल व काइनेटिक। इन सबकी दो पहिया वाहन मार्केट 25 फीसदी व तिपहिया वाहन मार्केट में तब हिस्सेदारी थी 10 फीसदी। शेष हमारा बजाज ने लॉक कर रखी थी।

पद्म भूषण से सम्मानित किया गया

2001 में उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ‘नाइट ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ नामक फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भी नवाजा गया है। वे 2006 से 2010 के बीच राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके थे। 1979-80 और 1999-2000 में दो बार राहुल बजाज भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के अध्यक्ष चुने गए । भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी ने उन्हें 2017 में लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए सीआईआई राष्ट्रपति पुरस्कार प्रदान किया।

निधन पर कई हस्तियों ने जताया दुख

नितिन गडकरी ने राहुल बजाज को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने लिखा- ‘यशस्वी उद्योजक, समाजसेवी और बजाज के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज जी को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। पद्म भूषण से सम्मानित राहुल जी से मेरे अनेक वर्षों से व्यक्तिगत संबंध रहे हैं।’ पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी राहुल बजाज की मौत पर दुख जताते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है- ‘राहुल बजाज वह शख्स थे, जिन्होंने आम आदमी को दोपहिया गाड़ी पर चलने की ताकत दी। उनकी मौत से हमने एक दूर दृष्टिता वाले और मुखर बिजनस लीडर को खो दिया है। मैं उनके परिवार को अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।’ एनसीपी नेता और पूर्व सिविल एविएशन मिनिस्टर प्रफुल पटेल ने भी राहुल बजाज की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने लिखा- ‘भारत के कॉरपोरेट इतिहास में लंबे वक्त तक चेयरमैन की भूमिका निभाने वाले पद्म भूषण राहुल बजाज की मौत से दुखी हूं। उन्होंने बजाज को घर-घर का ब्रांड बना दिया था। उनके परिवार को मेरी संवेदना है। ओम शांति।’ केंद्रीय मंत्री रावसाहब दानवे ने कहा- उनका जाना हमारे, उद्योगजगत और पुणे के लिए बहुत बड़ी क्षति है। वे सिर्फ एक उद्योगपति नहीं, एक समाजिक कार्यकर्ता भी थे। देवेंद्र फडणवीस ने और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने भी निधन पर गहरा दुख जताया है।

 

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