अखिलेश यादव ने पीएम मोदी के “लाल टोपी” वाले बयान पर किया पलटवार, बोले- वादे नहीं निभाए, इसलिए बदली भाषा
समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 8 दिसंबर। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘लाल टोपी’ वाले बयान पर पलटवार किया है. अखिलेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाषा बिगाड़ रहे हैं, क्योंकि उन्होंने अपने वादे पूरे नहीं किए, इसलिए उन्हें भाषा बदलनी पड़ी है. अखिलेश यादव ने कहा, ‘ये लाल रंग इमोशन का रंग है, लाल रंग क्रान्ति का प्रतीक है, लाल रंग बदलाव का प्रतीक है. वो जानते हैं इस बार यूपी में बदलाव होने जा रहा है. ये एक रंगी लोग भावनाएं नहीं समझ सकते.’
अखिलेश यादव ने कहा, “लाल रंग भावनाओं का है, लाल रंग देवी देवताओं का है. चेहरे का रंग लाल तब होता है जब हम बहुत खुश होते हैं. लाल तब भी चेहरा होता है जब हम नाराज होते हैं. लाल रंग की चुनरी देवी देवताओं को भी चढ़ती है. हमारे ग्रंथ भी लाल रंग के कपड़े में रखे जाते हैं. भारतीय जनता पार्टी यह बताए कि हमारे सबके अंदर लाल रंग का खून बह रहा है. क्या हमारे सबके अंदर काले रंग का खून बह रहा है.”
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आगे कहा, “जहां तक लाल टोपी का सवाल है तो समाजवादी लोग लगातार लाल टोपी पहनते रहे हैं. आंदोलन में किसानों, नौजवानों को न्याय मिले उसके लिए काम करते रहे हैं. हम तो चाहते हैं कि देश में सब लाल बत्ती हटा देनी चाहिए. समाजवादी पार्टी आतंकियों का नहीं किसानों का समर्थन करती है. किसान अपना हक मांग रहे हैं, इसलिए इनकी भाषा गलत हो रही है. किसानों को आपने आतंकवादी कहा आखिरकार आपने कानून वापस क्यों ले लिए? प्रधानमंत्री जी मुख्यमंत्री जी का रटा रटाया क्यों बोलते हैं. लाल टोपी की चमक दिल्ली तक पहुंच गई है यानी उत्तर प्रदेश में बदलाव निश्चित है.”
उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश के लोग विकास जानना चाहते हैं। किसान विरोध करते रहे, उनकी मौत हो गई। क्या सरकार ने उनकी भावनाओं को समझा? सांसद धरने पर बैठे हैं। क्या सरकार उनकी भावनाओं को समझ सकती है? बीजेपी भावनाओं को नहीं समझ सकती. इसे यूपी से बेदखल किया जा रहा है. यूपी में बदलाव होगा।”
अखिलेश का जवाब तब आया जब पीएम मोदी ने गोरखपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा पहनी जाने वाली लाल टोपी की तुलना ‘लाल बत्ती’ से की।
मोदी के बयान के जवाब में अखिलेश ने मंगलवार को कहा कि लाल टोपी बीजेपी के लिए रेड अलर्ट है।
एक ट्वीट में, यादव ने मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी और लखीमपुर खीरी हिंसा को भी सूचीबद्ध किया, जिसमें सत्तारूढ़ दल के लिए अन्य ‘रेड अलर्ट’ शामिल थे।