समग्र समाचार सेवा
भोपाल, 6दिसंबर। विधानसभा चुनाव सर पर है और नेताओं की बयानबाजी तेज तलवार की तरह विपक्षी दलों पर निशाने साधने में व्यस्त है। कांग्रेस हासिए पर है और लेकिन अपनी बयानबाजी के कारण दिग्वजिय सिंह अक्सर सुर्खियां बटोरते रहते हैं। ऐसी ही एक बयानबाजी में दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को गद्दार कह दिया. इस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया कहां चुप बैठने वाले थे, उन्होंने अपने पूर्व सहयोगी को जवाब देते हुए कहा, ‘मैं उनके स्तर तक नहीं गिरना चाहता… जो लोग आतंकवादी ओसामा को ओसामा जी कहते हैं और कहते हैं कि अगर वो सत्ता में आए तो आर्टिकल 370 को वापस लाएंगे… जनता ही निर्णय करेगी कि कौन गद्दार है और कौन नहीं…’
बता दें कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को ही दिग्विजय सिंह के निर्वाचन क्षेत्र राघोपुर में एक रैली की थी. इस रैली में ज्योतिरादित्य ने किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘उनकी राजनीति में अब कोई दिलचस्पी नहीं है और विकास में भी उनकी कोई रूचि नहीं है.’ ज्योतिरादित्य सिंधिया की इस रैली के दौरान ही एक पूर्व कांग्रेस विधायक के बेटे सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा की सदस्यता ली थी. शनिवार को ही राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह भी मध्य प्रदेश के ही गुना और विदिशा जिलों में रैलियों को संबोधित किया।
राघोगढ़ राजघराने से ताल्लुक रखने वाले दिग्विजय सिंह ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से लाभ उठाया और बाद में भाजपा का दामन थाम लिया. उन्होंने पैसे देकर हमारे विधायकों को भी अपने साथ कर लिया. इतिहास गद्दारों को कभी माफ नहीं करेगा. आने वाली पीढ़िया इन विश्वासघातियों को याद रखेंगी.’ उन्होंने आगे कहा, ‘जब भी झांसी की रानी की बात आती है तो सिंधिया परिवार का नाम आता है या नहीं (धोखा देने के लिए)? अगर उन्होंने यानी उस समय के सिंधिया शासकों ने पानीपत की लड़ाई में हिंदू राजाओं का साथ दिया होता तो अहमद शाह अब्दाली पानीपत की लड़ाई हार जाता. अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गद्दारी नहीं की होती तो आज भी मध्य प्रदेश में हमारी सरकार होती।’
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के विधायकों को साल 2020 में अपनी पार्टी को धोखा देने की ऐवज में 25-25 करोड़ रुपये दिए गए थे. हालांकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राघोगढ़ में आयोजित अपनी रैली के दौरान किसी का नाम नहीं लिया था. बता दें कि फिलहाल दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह यहां से विधायक हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया की इसी रैली के दौरान दिग्विजय सिंह के करीबी माने जाने वाले पूर्व विधायक मूल सिंह के बेटे हरेंद्र सिंह ने अपने समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता ली थी।
दिग्विजय सिंह के आरोपों पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को कहा, मैं ओसामा जी कहने वाले और सत्ता में आने पर आर्टिकल 370 को वापस लाने की बात करने वालों के स्तर तक नहीं गिर सकता. यह उनकी मानसिक स्थिति को दर्शाता है।