समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2दिसंबर। कृषि कानून वापसी विधेयक लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद अब राष्ट्रपति ने भी अपनी मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही अब कानूनी तौर पर तीनों कृषि कानून रद्द हो चुके हैं, जिसके विरोध में किसान लंबे समय से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत हैं। कृषि कानून वापसी संबंधी विधेयक पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। संसद के दोनों सदनों से इसे शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही पास करा लिया गया था।
केंद्र ने सरकार ने बुधवार को तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने वाले अधिनियम को अधिसूचित कर दिया। विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा जारी एक राजपत्र अधिसूचना के मुताबिक, कृषि कानून निरसन अधिनियम, 2021 को 30 नवंबर को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। इस कानून को ससंद द्वारा 29 नवंबर को विपक्षी सांसदों के हंगामे बीच बिना बहस पारित किया गया था।
इसमें तीन खंड हैं जिसमें से प्रथम खंड में अधिनियम का संक्षिप्त नाम है। इसके दूसरे खंड में कहा गया है कि कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून, 2020 का निरसन किया जाता है। विधेयक के तीसरे खंड में कहा गया है कि आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 की उपधारा (1क) का लोप किया जाता है।
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था।