समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 15अगस्त। मंदिर में प्रवेश करने पर पुजारियों और दलितों के बीच हुई लड़ाई का एक ऐसा वीडियो सामने आया है जो बेहद हैरान करने वाला है। सोशल मीडिया पर यह वीडियो जातिगत मामलें पर आधारित माना जा रहा है। लेकिन प्रशासन का इस मामलें में कुछ और ही बयान आया है।
मामला राजस्थान के भरतपुर के रूदावल मंदिर का है। यहां मंदिर में प्रवेश को लेकर पुजारियों नें दलितों को दौड़ा- दौड़ा का मारा है। वीडियों में साफ- साफ दिखाई दे रहा है कि किस तरह पुजारी दलितों की लाठी- डंडे से दौड़ा कर पीटाई कर रहे है।
मामला इतना गंभीर था कि इसमें लोगों नें महिलाओं को भी नही छोड़ा है।
बता दें कि भरतपुर के रुदावल में हनुमान जी का प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में दर्शन करने के लिए दलित समाज के कुछ लोग आए थे। उनके साथ महिलाएं भी थीं। आरोप है कि पुजारी ने उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया। इस बात को लेकर विवाद बढ़ गया. थोड़ी सी बहस के बाद मंदिर के सभी पुजारी लामबंद हो गए।
मंदिर के पुजारियों ने लाठी डंडों से इन्हें घेर लिया और मारपीट शुरू कर दी। इस दौरान महिलाओं पर भी डंडे बरसाए गए। उनको पीटते-पीटते मंदिर परिसर से बाहर खदेड़ दिया। मंदिर परिसर के बाहर तक ये पुजारी इनके पीछे डंडे लेकर दौड़ते दिखाई दिये।
कुछ लोगों ने इस पूरी घटना का वीडियो बना लिया, जो अब सोशलमीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इस मामलें को लेकर ऐसा कहा जा रहा है कि यह मामला जातिभेदभाव से प्रेरित है। जिसको लेकर दलित समाज में रोष व्याप्त है।
लेकिन इस मामलें में प्रशासनिक अधिकारियों नें पूरा विपरित बताया है। पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार बिश्नोई की मानें तो यह मामला जातिगत भेदभाव पर नही है बल्कि यह सारा विवाद जमीन को लेकर है। पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार बिश्नोई ने बताया कि रुदावल में स्थित हनुमान मंदिर को एक समाज के लोगों कुछ जमीन दान में दी थी और उसके बदले मंदिर ट्रस्ट ने उनको अन्य जगह जमीन भी दी थी। जो जमीन मंदिर के लिए दान दी थी उस पर रेडियां लगती हैं, जिससे मंदिर को किराया मिलता है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अब दान देने वाले पक्ष के लोग रेडी वालों से रुपये मांगते हैं, जिसका मंदिर के पुजारियों ने विरोध किया गया। इसे लेकर पहले भी विवाद हो चुका है, जिसके बाद दूसरे पक्ष के लोगों के मंदिर आने पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन जब दूसरे पक्ष के लोगों ने मंदिर में प्रवेश किया तो यह सारा विवाद हुआ।