विद्यार्थियों में सेवा भाव उत्पन्न करना शिक्षकों का दायित्व- राज्यपाल मंगुभाई पटेल

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समग्र समाचार सेवा
भोपाल, 22जुलाई। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि प्राध्यापकों को अपने आचरण एवं संस्कारों के आदर्श को सामने रखते हुए विद्यार्थियों को शिक्षा देनी चाहिए। पाठ्यक्रम में लौकिक एवं पारलौकिक दोनों प्रकार के विषयों को स्थान दें। उन्होंने कहा है कि छात्र हमारे देश की संपत्ति हैं। देश को विकास के पथ पर ले जाने वाले राष्ट्र निर्माता हैं। इसलिए इनके साथ हमारा व्यवहार ऐसा होना चाहिए जिससे उनके मन में किसी भी तरह का असंतोष नहीं रहें। उनमें सेवा भाव उत्पन्न करना शिक्षकों का दायित्व है। विद्यार्थियों में यह भाव तभी जागृत होगा, जब हम सब निष्ठा से अपनी जिम्मेदारियों का पालन करेंगे। श्री पटेल अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के 54वें स्थापना दिवस समारोह को राजभवन भोपाल से आज ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल श्री पटेल ने सभी शिक्षकों से कहा है कि प्रतिभाशाली छात्रों को उनकी पूरी क्षमता का एहसास कराते हुए, उनके कौशल ज्ञान को समृद्ध करने के साथ उन्हें समाज में योगदान देने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा है कि उन्हें विचार करना चाहिए कि हम अपने समाज, प्रदेश और देश के विकास के लिए क्या कर रहे है और क्या कर सकते हैं। उन्होंने कहा है कि हमारा देश बुद्ध, गाँधी और विवेकानंद का देश है, जिसकी नींव वसुधैव कुटुंबकम् पर आधारित है जहां प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में करूणा, अहिंसा, सहानुभूति समाहित है। हमारा देश इन्हीं गुणों के कारण विश्व गुरू कहलाता है। उन्होंने कहा है कि शिक्षा का उद्देश्य छात्र-छात्रा को आत्म-निर्भर बनाकर पैरों पर खड़ा करना होना चाहिये। केवल नौकरी के लिए शिक्षा पर्याप्त नहीं हो सकती। शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो विद्यार्थी का शारीरिक, मानसिक, आत्मिक विकास और चरित्र का निर्माण करे केवल पुस्तकों द्वारा शिक्षा दिया जाना पर्याप्त नहीं है। शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जिसमें अधिकारों के साथ कर्त्तव्यों के पालन की जिम्मेदारी का भाव हो।

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