समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1जुलाई। कहा जाता है कि सबके करनी का फल उससे जरूर मिलता है किसी को जीते जी तो किसी को मरने के बाद। लेकिन गरुड़ पुराण में पापी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसको इतनी भयानक सजा दी जाती है जिसके बारे में जानकर ही आप कांप उठेंगे।
गरुड़ पुराण के मुताबिक पिंड दान के बाद व्यक्ति का सूक्ष्म शरीर बनता है। इस शरीर में बसकर पापी व्यक्ति की आत्मा को इतनी दूरी का भयानक सफर तय करना पड़ता है, जितना वो जीते जी नही चला होगा।
गरुड़ पुराण के मुताबिक ऐसे व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसे 24 घंटों के लिए यमलोक ले जाया जाता है जहां उसके जीवनभर के कर्मों का लेखा जोखा होता है इसके बाद कर्म के हिसाब से उसके लिए स्वर्ग, नर्क या पितृलोक का निर्धारण किया जाता है. इसके बाद वापस 13 दिनों तक के लिए धरती पर भेज दिया जाता है।
इन 13 दिनों में उसके परिजनों द्वारा किए गए पिंडदान से उसका सूक्ष्म शरीर तैयार होता है और आत्मा उसमें प्रवेश कर जाती है। 13 दिनों के बाद पुण्य कर्म वालों को स्वर्ग के सुख भोगने के लिए भेज दिया जाता है। वहीं पापी व्यक्ति को यमलोक की यात्रा पैदल चलकर तय करनी पड़ती है. इस बीच उसे 99 हजार योजन है यानी 11 लाख 99 हजार 988 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है. इस यात्रा को पूरा करने में उसे एक साल लग जाता है। इस यात्रा के दौरान भी पापी व्यक्ति को तमाम यातनाओं का सामना करना पड़ता है।