समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10जून। उत्तराखंड में मदरसों में पढ़ने वाले करीब 2 लाख मुस्लिम बच्चे रातों-रात गायब हो गए हैं। जी हां यह सच है लेकिन इसके पिछे की पूरी सच्चाई जानेंगे तो आपको पता चलेगा की राज्य में बच्चों का भी इतना बड़ा घोटाला हुआ है।
दरअसल मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को पिछले कई दशकों से हर महीने सरकार की ओर से वजीफा यानी स्कॉलरशिप दी जा रही थी। लेकिन जैसे ही उत्तराखंड सरकार ने इन बच्चों के बैंक खातों को आधार नंबर से लिंक करने को कहा, तो एक साथ 1 लाख 95 हजार 360 बच्चे गायब हो गए। आप समझ सकते है कि राज्य में इतना बड़ा घोटाला कितनी बड़ी बात है। जो 1 लाख 95 हजार 360 बच्चे गायब हुए है उनके नाम पर अभी तक सरकार हर साल करीब साढ़े 14 करोड़ रुपये छात्रवृत्ति बांट रही थीं, जोकि अब घट कर केवल 2 करोड़ रह गयी है।
दरअसल ये बच्चें गायब नहीं हुए ये बच्चें तो बस कागजों पर ही थे यानि झूठे नामों और झूठे दस्तावेजों के आधार पर मदरसों सरकार से पैसे की ठगी कर रहे थे। जाहिर सी बात है कि यह कांग्रेस की सरकार के दौरान सबकी मिलीभगत से हुआ है, जिसका खुलासा भाजपा की सरकार बनने के बाद हुआ।
ये तो अकेले उत्तराखंड का मामला है, अब आप खुद ही समझ सकते हैं कि जब मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने उत्तर प्रदेश में मदरसों को अपना रजिस्ट्रेशन करवाने को कहा तो क्यों इतना हंगामा खड़ा कर दिया गया। इस बात से साबित हो गया है कि बीजेपी की सरकार आने के बाद से मुस्लिम खुद को क्यों असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
2014-15 तक केवल उत्तराखंड में 2 लाख 21 हजार आठ सौ मुस्लिम छात्र सरकारी स्कॉलरशिप पा रहे थे। आधार से लिंक होते ही इनकी संख्या गिरकर केवल 26 हजार 440 रह गई. यानी लगभग 88 फीसदी मुस्लिम छात्रों की संख्या कम हो गई। ये वो स्कॉलरशिप है जो बीपीएल यानि बेहद गरीब परिवारों के छात्रों को दी जाती है। सरकार उन छात्रों के लिए भी प्रावधान लायी, जिनके पास आधार नहीं है. ऐसे छात्रों को भी स्कॉलरशिप का फायदा मिल रहा है, लेकिन इसके लिए उन्हें जिलाधिकारी से सत्यापन करवाना जरूरी है।