सीबीएसई की 10वीं के रिजल्ट को लेकर, दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीएसई, केंद्र और दिल्ली सरकार से मांगा जवाब

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,4जून। सीबीएसई की 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द हो चुकी हैं। छात्र, अभिभावक और शिक्षाविद इस फैसले से फैसले हैं, मगर 10 वीं के छात्रों के रिजल्ट और मूल्यांकन को लेकर प्रश्न अभी भी बाकी हैं।

बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 10वीं कक्षा के निजी छात्रों के लिए मूल्यांकन योजना पर स्पष्टता की मांग करने वाली याचिका पर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को नोटिस जारी किया है। बोर्ड परीक्षा रद होने के बाद दसवीं बोर्ड के अंक निर्धारित करने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा बनाई गई आंतरिक मूल्यांकन नीति को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है।

10वीं छात्रों के लिए अंक मूल्यांकन नीति में स्पष्टता की मांग को लेकर दायर अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने CBSE बोर्ड को नोटिस जारी किया है।

इससे पहले बिना परीक्षा 12वीं के रिजल्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने CBSE और ICSE बोर्ड से इंटरनल एसेसमेंट की जानकारी मांगी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से बारहवीं कक्षा का आकलन करने के लिए दो सप्ताह के भीतर एसेमेंट क्राइटेरिया (वस्तुनिष्ठ मानदंड) प्रस्तुत करने को कहा। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने 12 वीं क्लास की बोर्ड परीक्षाएं रद्द किए जाने के फैसले पर खुशी जताई।

अधिवक्ता खगेश झा के माध्यम से दायर याचिका में एनजीओ ने दलील दी है कि सीबीएसई की नीति बच्चों के हित में नहीं है। इसे असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण बताते हुए संशोधन करने का निर्देश देने की मांग की गई है। उन्होंने दलील दी कि किसी स्कूल के पहले के छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर मौजूदा छात्रों की तुलना नहीं की जा सकती। जरूरी नहीं है कि अगर पूर्व छात्रों बेहतर परिणाम नहीं दे सके तो इस बार के छात्र बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे।

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