समग्र समाचार सेवा
चमोली, 28मई। चमोली जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। इसी साल 7 फरवरी को चमोली जिले में ऋषि गंगा उफान पर आ गई थी जिससे भीषण तबाही में कई लोगों की मौत हो गई थी। इस भीषण तबाही की वजह ग्लेशियर का टूटना बताया गया था। लेकिन इस बीच एक अलर्ट करने वाली खबर सामने आई है। उत्तराखंड में जिस ऋषिगंगा के उद्गम स्थल से बीती सात फरवरी को जलप्रलय आई थी, वहां अभी भी ग्लेशियर में दरारें पड़ी हुई हैं। रैणी गांव के ग्रामीणों ने ऋषि गंगा के ऊपरी क्षेत्रों में कभी भी ग्लेशियर खिसकने की आशंका जताई है। ग्रामीणों ने ग्लेशियर प्वाइंट के ठीक दूसरी तरफ रोठी बुग्याल से ग्लेशियर का निरीक्षण किया।
ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से ग्लेशियरों की रेगुलर मॉनिटरिंग करने की मांग की है। जानकारी के मुताबिक जोशीमठ के रैणी गांव के पास बहने वाली ऋषि गंगा के जलागम क्षेत्र के फिर से ग्लेशियरों में दरारें देखी गई है। स्थानीय लोगों ने ऊपरी इलाकों में जाकर इन ग्लेशियरों की वीडियोग्राफी की है। स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि ग्लेशियरों में कई जगह दरारें आई हैं और भविष्य में इनके चटकने या फिर खिसकने से तबाही आ सकती है।