समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21मई। न्याय के देवता शनि देव अपनी चाल बदल रहे हैं। शनिदेव रविवार, 23 मई 2021 को मकर राशि में प्रतिगामी होने जा रहे हैं। जिसके बाद वे सोमवार, 11 अक्टूबर 2021 तक रहेंगे। इस दौरान शनि की इस प्रतिगामी चाल का असर सभी 12 राशियों में देखने को मिलेगा। जहां कुछ राशियों को लाभ मिलेगा, वहीं कुछ राशियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
23 मई से 11 अक्टूबर तक कुल 141 दिन हैं यानी इस बार 141 दिनों तक शनि प्रतिगामी है। वर्तमान समय में मकर राशि और श्रवण नक्षत्र में शनि का गोचर चल रहा है। ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार धनु, मकर और कुंभ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है।
12 राशियों पर शनि प्रतिगामी का प्रभाव
मेष राशि: आपकी राशि में दसवें स्थान पर शनि की स्थिति कार्य को प्रभावित करेगी। जीविका के साधनों के लिए दौड़-भाग रहेगी।
सावधानी- कोई भी फैसला बहुत सोच समझकर करें।
उपाय: बजरंगबाण का पाठ करें।
वृषभ: शनि आपकी राशि के साथ प्रतिगामी है यानी नौवें स्थान पर। ऐसी स्थिति में आपको पैसों की चिंता बनी रहेगी। यह कठिन समय है धैर्य रखें।
सावधानी: संयमित रहें।
उपाय- बाबा भैरव की पूजा करें।
मिथुन राशि: शनि आपके इस राशि में आठवें स्थान यानी आयु में प्रतिगामी है। इसके अलावा इस समय आपकी राशि पर ढैया का प्रभाव भी है। इस स्थिति में इस समय स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। आय प्रभावित होगी। बिजनेस में नुकसान होने की संभावना है।
सावधानी- वाहन चलाते समय विशेष रूप से सावधानी बरतें।
उपाय- देवी काली की पूजा करें।
कर्क राशि: शनि आपके राशि से सातवें स्थान में वक्री है। इससे साझेदारी, विवाहित जीवन में संघर्ष, विवादित स्थिति बनेगी। धन संकट, विवाह में रुकावट आएगी।
सावधानी: फिजुल के खर्चों को प्रतिबंधित करें।
उपाय- भगवान विष्णु की पूजा करें।
सिंह राशि: शनि आपकी राशि में छठे स्थान में वक्री है यानी शत्रु और रोग के साथ प्रतिगामी होता है। ऐसे समय में अपनी सेहत का ध्यान रखें। बीमारियों पर खर्च होगा। साथ ही इस समय दुश्मन भी आपको परेशान कर सकते हैं। दौड़-भाग रहेगी।
सावधानी- स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या को हल्के में न लें।
उपाय: हनुमान चालीसा का पाठ करें।
कन्या राशि: शनि आपकी राशि में पांचवें स्थान में वक्री है। पांचवा स्थान यानी बुद्धि और संतान पक्ष से जुड़ा होता है। जिसके कारण संतान पक्ष, शिक्षा प्रभावित होगी। खर्च की अधिकता के कारण रिश्तेदारों से विवाद हो सकता है।
सावधानी- कोई भी बड़ा काम शुरू करने से पहले विशेषज्ञों से सलाह जरूर लें।
उपाय- मां दुर्गा की पूजा करें।
तुला राशि: शनि आपकी राशि में चौथे भाव में प्रतिगामी है। शनि की इस स्थिति के कारण परिवार में विवाद, रोग, शोक रहेगा। सेहत भी बिगड़ सकती है क्योंकि इनकम प्रभावित होने की संभावना है। मानसिक तनाव के कारण सुख में कमी भी संभव है।
सावधानियां- इस दौरान निवेश करने से बचें। हो सके तो यात्रा न करें और संयम से काम लें।
उपाय- हर शनिवार को काले कुत्तों को रोटी खिलाएं।
वृश्चिक राशि: शनि आपकी राशि में तृतीय स्थान यानी शक्ति और भाई-बहन के साथ प्रतिगामी है। शनि के इस कदम से आपकी शक्ति में कमी आएगी। साथ ही भाई-बहन के साथ विवाद होने की संभावना के कारण कर्ज लेने की संभावना बन सकती है।
सावधानी: क्रोध पर नियंत्रण रखें।
उपाय- हर शनिवार को हनुमान जी की पूजा करें।
धनु राशि: शनि आपकी राशि में धन और वाणी से प्रतिगामी है। इसके कारण आपकी वाणी खराब हो सकती है, संपत्ति संबंधी मामलों में हानि की संभावना के बीच वित्तीय संकट रहेगा। खराब स्वास्थ्य के कारण खर्चों में अचानक वृद्धि होने की संभावना। साथ ही किसी हादसे का शिकार होने के साथ आप किसी की साजिश का भी शिकार हो सकते हैं।
सावधानी: वाणी पर नियंत्रण रखें।
उपाय- पंचमुखी हनुमान जी की पूजा करें।
मकर राशि: शनि आपकी राशि के पहले स्थान यानी लग्न में प्रतिगामी है। जिसके कारण आप मानसिक बीमारी, बीमारी, आदि से ग्रसित हो सकते हैं, आपके स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है। ऑफिस में बढ़ती परेशानियों के बीच आप किसी बहस में फंस सकते हैं। लेकिन, जल्दबाजी में नौकरी न छोडऩा उचित होगा। इस समय के दौरान व्यापार में हानि होने की संभावना है।
सावधानी- जल्दबाजी से बचें।
उपाय- शनिवार को शनि देव के मंत्रों का जाप करें और भगवान हनुमान को लड्डू चढ़ाएं।
कुंभ: शनि आपकी राशि में प्रतिगामी है। शनि की इस स्थिति के कारण आपके खर्चों में फालतू वृद्धि होगी, जिसके कारण आपको लोन भी मिल सकता है। इस दौरान व्यर्थ की भीड़ रहेगी।
सावधानी- संयम से काम लेना उचित रहेगा।
उपाय: हनुमानाष्टक का पाठ करें।
मीन राशि: शनि आपकी राशि में प्रतिगामी है ऐसी स्थिति में आपको आय के नए स्रोत मिलेंगे, लेकिन खर्चों का भी बहुत सावधानी से प्रबंधन करना होगा।
सावधानी- आय के नए संसाधनों पर नजर रखें और अवसरों को हाथ से दूर न जाने दें।
उपाय- राम रक्षा स्तोत्र और हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें।