समग्र समाचार सेवा
देहरादून, 9 अप्रैल।
उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में बाल विवाह जैसी कुरीतियों से निपटने के लिए राज्य महिला आयोग ने सख्त रुख अपना लिया है।
आयोग ने प्रदेश के चार जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर अब तक की बाल विवाह संबंधित प्रकरणों की जानकारी मांगी है, और उनके द्वारा अब तक की गई कार्यवाही का भी लेखा जोखा मांगा है। आयोग ने कुछ दिनों पहले चमोली में एक बाल विवाह का प्रकरण सामने आने के बाद लिया है जहाँ पीड़िता के साथ अमानवीय व्यवहार भी सामने आया था।
राज्य महिला आयोग ने सख्ती दिखाते हुए उन सभी जिलों से जहां बाल विभाग संबंधित प्रकरण उजागर हो रहे हैं विस्तृत विवरण मांगे हैं । बागेश्वर जिले में अब तक बाल विवाह के 9 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, और यह मामले सिर्फ वह है जो कि प्रशासन वह पुलिस के संज्ञान में है।
राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति मिश्रा ने पहाड़ के कुछ जिलों में बाल विवाह के मामले आने पर चिंता जताई है उन्होंने जिले चमोली चंपावत पिथौरागढ़ एवं बागेश्वर के जिला अधिकारियों को आदेश दिए कि समस्त राजस्व क्षेत्र अधिकारियों के माध्यम से सभी ग्राम सभाओं में 2019 से 2021 तक हुई समस्त बालिकाओं की शादी का विवरण जुटाए, उनके जन्म पत्र से उनकी आयु का पता किया जाए, यदि कोई बाल विवाह का केस सामने आता है तो उसके परिवार की पूरी जानकारी जुटाई जाए।