समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7अप्रैल।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने अपने क्रिकेट करियर को लेकर बड़ा बयान दिया है. सौरव गांगुली के मुताबिक साल 2005 में कप्तानी से हटाए जाने के बाद टीम से बाहर होना उनके करियर के लिए सबसे बड़ा झटका था. सौरव गांगुली ने अपने करियर में 424 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं. उनकी कप्तानी में भारत ने विश्व कप-2003 के फाइनल में प्रवेश किया था. उनकी अगुवाई में टीम इंडिया ने 196 मैच (वनडे और टेस्ट) खेले, जिसमें 97 में जीत और 79 में हार मिली. सौरव गांगुली की कप्तानी में भारत को जीत प्रतिशत 49.48 रहा।
सौरव गांगुली ने एक ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा कि आपको ऐसी स्थिति से निपटना होगा। यह आपकी मानसिकता के बारे में है. चाहे खेल हो या व्यवसाय या कुछ और जिंदगी का कोई भरोसा नही. अपको हर परिस्थिति का समाना करने के लिए तैयार रहना होगा।
सौरव गांगुली ने आगे कहा, “जब आप पहला टेस्ट खेलते हैं, तो खुद को दुनिया के सामने साबित करने का दबाव होता है. और लगातार अच्छा कर खुद को साबित करने के बाद जब आपका खराब दौर आता है तो लोग आप पर सवाल उठाने से पीछे नहीं हटते है. यह खिलाड़ी की जिंदगी में लंबे समय तक चलता है।
बता दें कि साल 1992 में अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू करने वाले सौरव गांगुली ने 113 टेस्ट की 188 पारियों में 17 बार नाबाद रहते हुए 7212 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से 1 दोहरा शतक, 16 शतक और 35 अर्धशतक निकले. वहीं 311 वनडे मैचों में उन्होंने 22 सेंचुरी और 72 फिफ्टी की मदद से 11363 रन बनाए. गांगुली का वनडे फॉर्मेट में सर्वोच्च स्कोर 183 रहा. इस दिग्गज क्रिकेटर ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 132 विकेट भी हासिल किए।