समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5अप्रैल।
पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री दिग्विजय सिंह झाला का रविवार को 88 साल की उम्र में निधन हो गया। सौराष्ट्र में वांकानेर की पूर्व रियासत का सिर बीमारी की संक्षिप्त अवधि के बाद समाप्त हो गया। पीएम मोदी ने पहले पर्यावरण मंत्री दिग्विजयसिंह झाला के निधन पर भी सांत्वना दी।
अपने कार्यकाल के वक्त उन्होंने कुछ बड़े सुधार किए थे, उन्होंने वन्यजीवों और प्रकृति के संरक्षण के लिए भारत में कई राष्ट्रीय उद्यानों की घोषणा करने के साथ राष्ट्र को फिर से तैयार किया. उन्होंने भारतीय रेलवे के साथ समन्वय किया कि रेलवे पटरियों के नीचे लकड़ी के स्लीपरों को सीमेंट से बदल दिया जाए ताकि भारत के पेड़ों को बचाने में मदद मिल सके.
दिग्विजय सिंह झाला साल 1962-67 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में और 1967-71 से स्वतंत्र पार्टी के सदस्य के रूप में वांकानेर विधायक थे. इसके बाद वे कांग्रेस में शामिल हुए और 1979 से 1989 तक सुरेंद्रनगर से सांसद बने. वह प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासन में पर्यावरण मंत्री बने. वह 1982 से 1984 तक देश के पहले पर्यावरण मंत्री रहे. उन्होंने दुनिया के सामने पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर बोलते हुए एक से अधिक अवसरों पर संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया.