समग्र समाचार सेवा
देहरादून,3 मार्च।
अब चक्रवर्ती सम्राट भरत की जन्मस्थली कण्वाश्रम के आधार पर कोटद्वार का नाम कण्व नगरी होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोटद्वार नगर निगम के नाम परिवर्तन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। स्थानीय लोग लंबे समय से इसकी मांग करते आ रहे थे।
कण्व ऋषि के कण्वाश्रम में ही पांडवों के पूर्वज और हस्तिनापुर के राजा दुष्यन्त और शकुंतला के पुत्र भरत का जन्म हुआ था। भरत के नाम पर ही देश का नाम भारत पड़ा था। कोटद्वार को गढ़वाल का एक प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। कोटद्वार एक पौराणिक शहर है। जिसका जिक्र कई धर्मग्रंथों और महाभारत कालीन साहित्य में मिलता है। कण्वाश्रम कोटद्वार शहर से करीब 14 किलोमीटर दूर मालनी नदी के किनारे स्थित है। कोटद्वार शहर की पहचान महर्षि कण्व के नाम से भी होती है। महाकवि कालिदास द्वारा रचित अभिज्ञान शाकुंतलम में भी कण्वाश्रम और उसके आसपास के इलाकों का उल्लेख मिलता है। समय≤ पर लोग कोटद्वार का नाम बलदने की मांग करते रहे हैं। चुनावी वर्ष में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोगों की मांग को पूरा कर दिया है। अबसे कोटद्वार को कण्व नगरी कोटद्वार के नाम से जाना जाएगा।
