भारतीय सेना की 10 बड़ी उपलब्धियां जिनसे दुनिया ने देखी भारत की ताकत
आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई से लेकर स्वदेशी तकनीक और आधुनिक हथियारों तक, 2025 भारतीय सेना के लिए रणनीतिक उपलब्धियों का वर्ष रहा
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ऑपरेशन सिंदूर के जरिए सीमा पार आतंकी ढांचे पर सटीक कार्रवाई
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ब्रह्मोस, पिनाका और अपाचे से मारक क्षमता में बड़ा विस्तार
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ड्रोन, डिजिटल सिस्टम और स्वदेशीकरण पर ऐतिहासिक जोर
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अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यासों से वैश्विक सहयोग मजबूत
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 31 दिसंबर: साल 2025 भारतीय सेना के लिए रणनीतिक, तकनीकी और ऑपरेशनल मजबूती का प्रतीक बनकर उभरा। आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख, आधुनिक हथियारों की तैनाती, स्वदेशीकरण और डिजिटल बदलाव ने सेना की युद्ध तैयारी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। सीमा सुरक्षा से लेकर अंतरराष्ट्रीय सहयोग तक, हर मोर्चे पर सेना ने अपनी क्षमता का प्रभावी प्रदर्शन किया।
1. ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ निर्णायक प्रहार
मई 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ ऑपरेशन सिंदूर भारत की सटीक और संतुलित सैन्य क्षमता का उदाहरण बना।
योजना और कमान: मिलिट्री ऑपरेशंस ब्रांच में योजना बनी, डीजीएमओ के ऑप्स रूम से निगरानी हुई, जहां सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद रहे।
कार्रवाई: सीमा पार 9 आतंकी कैंप ध्वस्त किए गए—7 सेना और 2 वायुसेना द्वारा। सीमित समय में सटीक हमले किए गए ताकि अनावश्यक तनाव न बढ़े।
जवाबी कोशिशें नाकाम: 7 से 10 मई की रातों में ड्रोन हमलों को एयर डिफेंस ने निष्क्रिय किया।
एलओसी पर मजबूती: एक दर्जन से अधिक लॉन्च पैड नष्ट हुए; 10 मई को संघर्षविराम पर सहमति बनी।
2. लंबी दूरी की मारक क्षमता
ब्रह्मोस: 1 दिसंबर 2025 को साउदर्न कमांड और अंडमान-निकोबार कमांड के साथ सफल परीक्षण, तेज गति और सटीकता का प्रदर्शन।
पिनाका: 24 जून को दो नई रेजिमेंट शामिल; 29 दिसंबर को लगभग 120 किमी रेंज वाले लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट का सफल परीक्षण।
3. सेना उड्डयन में बढ़त
अपाचे AH-64E: 22 जुलाई को पहले 3 हेलीकॉप्टर मिले; दिसंबर में शेष 3 शामिल हुए, जिससे जमीनी हमले की क्षमता बढ़ी।
4. नई यूनिट और युद्ध संरचना
भैरव बटालियन और अशनि प्लाटून: 24 अक्टूबर को राजस्थान में क्षमताओं का प्रदर्शन; ड्रोन आधारित संरचनाओं पर काम तेज।
शक्तिबाण रेजिमेंट और दिव्यास्त्र बैटरी: ड्रोन और लोइटर म्यूनिशन से लैस भविष्य-केंद्रित ढांचे।
5. खरीद और क्षमता निर्माण
2024–25 को टेक्नोलॉजी एब्जॉर्प्शन वर्ष के रूप में मनाया गया।
- 6 अपाचे शामिल
- गोला-बारूद में 91% स्वदेशीकरण
- करीब 3000 ड्रोन, 150 टेथर्ड ड्रोन, स्वार्म, लॉजिस्टिक और कामिकाज़े ड्रोन
- 5 अगस्त को बीएमपी नाइट विजन सिस्टम और बड़े ड्रोन की मंजूरी
- 29 दिसंबर को ड्रोन, ड्रोन-रोधी सिस्टम और सटीक हथियारों पर जोर
6. तकनीक और डिजिटल बदलाव
एज डेटा सेंटर, तेज निर्णय प्रणाली, और आंतरिक सॉफ्टवेयर जैसे इक्विपमेंट हेल्पलाइन व सैनिक यात्री मित्र ऐप लागू हुए।
7. सिद्धांत और तैयारी
अक्टूबर 2025 की आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में ग्रे जोन युद्ध, जॉइंटनेस, आत्मनिर्भरता और नवाचार पर रणनीति तय की गई।
8. सैन्य अभ्यास और अंतरराष्ट्रीय सहयोग
फ्रांस, अमेरिका, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, यूके और यूएई के साथ संयुक्त अभ्यासों से आपसी तालमेल मजबूत हुआ।
9. रक्षा संवाद
चाणक्य डिफेंस डायलॉग 2025 को प्रमुख मंच के रूप में आगे बढ़ाया गया; युवा नेतृत्व संवाद और पॉडकास्ट आयोजित हुए।
10. नवाचार और आत्मनिर्भरता
इनो-योद्धा 2025–26: 89 विचार प्राप्त; 32 को विकास और तैनाती के लिए चुना गया।
दुनिया ने देखी भारत की ताकत
कुल मिलाकर 2025 में भारतीय सेना ने सुरक्षा, तकनीक और आत्मनिर्भरता में निर्णायक मजबूती दर्ज की। तीनों सेनाओं के समन्वय और आधुनिक क्षमताओं ने साबित कर दिया कि भारत हर चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।