2026 में युद्ध की आहट? अमेरिकी थिंक टैंक ने भारत-पाक पर क्यों जताई आशंका
अमेरिकी थिंक टैंक की रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर, आतंकी गतिविधियां और हथियारों की होड़ को बताया गया संभावित टकराव की वजह
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अमेरिकी थिंक टैंक ने 2026 में भारत-पाकिस्तान संघर्ष की संभावना को “मध्यम” श्रेणी में रखा
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जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियां और सीमा पार तनाव को बताया गया बड़ा कारण
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दोनों देशों द्वारा हथियारों की तेज़ खरीद ने बढ़ाई चिंता
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पाकिस्तान-अफगानिस्तान तनाव को भी क्षेत्रीय अस्थिरता से जोड़ा गया
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली | 31 दिसंबर: दक्षिण एशिया में एक बार फिर युद्ध के बादल मंडराने की आशंका जताई गई है। अमेरिका के प्रमुख थिंक टैंक विदेश संबंध परिषद ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट ‘कॉन्फ्लिक्ट्स टू वॉच इन 2026’ में चेतावनी दी है कि वर्ष 2026 में भारत और पाकिस्तान के बीच सशस्त्र संघर्ष हो सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी गतिविधियां, सीमा पार तनाव और सैन्य तैयारियों के चलते हालात बिगड़ सकते हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, रिपोर्ट में भारत-पाकिस्तान संघर्ष की संभावना और उससे अमेरिकी हितों पर पड़ने वाले असर दोनों को “मध्यम” श्रेणी में रखा गया है।
ऑपरेशन सिंदूर अभी भी चिंता की जड़
रिपोर्ट के आकलन के पीछे 2025 की वह घटना अहम मानी जा रही है, जब कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। इस अभियान के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर सटीक सैन्य कार्रवाई की गई थी।
भारत सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि ऑपरेशन सिंदूर को पूरी तरह समाप्त नहीं किया गया है, बल्कि अस्थायी रूप से रोका गया है। ऐसे में भविष्य में पाकिस्तान की ओर से किसी भी उकसावे की स्थिति में हालात तेजी से बिगड़ सकते हैं।
जम्मू क्षेत्र में आतंकी हलचल
खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के दर्जनों आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं। जम्मू के पहाड़ी इलाकों में विदेशी आतंकियों की मौजूदगी की आशंका के चलते सुरक्षा बलों ने व्यापक तलाशी अभियान चला रखा है।
यदि इन आतंकी गतिविधियों में किसी बड़े हमले को अंजाम दिया जाता है, तो भारत-पाक संबंधों में तनाव और गहरा सकता है।
हथियारों की होड़ ने बढ़ाया जोखिम
भारत ने हाल ही में रक्षा अधिग्रहण परिषद के जरिए बड़े पैमाने पर सैन्य खरीद को मंजूरी दी है, जिसमें आधुनिक ड्रोन और मिसाइल प्रणालियां शामिल हैं। वहीं पाकिस्तान भी अपनी सैन्य कमजोरियों को दूर करने के लिए चीन और तुर्की से रक्षा उपकरण हासिल करने की कोशिशों में जुटा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की हथियारों की दौड़ किसी भी छोटी घटना को बड़े टकराव में बदल सकती है।
आंतरिक और क्षेत्रीय दबाव में पाकिस्तान
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच डूरंड रेखा पर लगातार तनाव बना हुआ है। तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच झड़पों ने पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति को और कमजोर किया है। ऐसे हालात में आशंका जताई गई है कि पाकिस्तान घरेलू दबाव से ध्यान हटाने के लिए भारत के साथ सीमा पर तनाव बढ़ा सकता है।
निष्कर्ष
हालांकि रिपोर्ट में युद्ध को तय नहीं बताया गया है, लेकिन संकेत साफ हैं कि दक्षिण एशिया में हालात नाज़ुक बने हुए हैं। आतंकी गतिविधियां, सैन्य तैयारी और क्षेत्रीय अस्थिरता ये सभी कारक भारत-पाक संबंधों को 2026 में एक बार फिर परीक्षा की कसौटी पर ला सकते हैं।