ओडिशा के कंधमाल में बीएसएफ-सीआरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई, 6 नक्सली मारे गए

झीरम घाटी नरसंहार के मास्टरमाइंड गणेश उइके ढेर, 1.1 करोड़ का इनामी भी शामिल; अमित शाह बोले— नक्सल-मुक्त भारत की ओर बड़ा कदम

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  • गणेश उइके CPI (माओवादी) की केंद्रीय समिति का वरिष्ठ सदस्य और ओडिशा ऑपरेशंस प्रमुख था
  • झीरम घाटी नरसंहार (2013) का मास्टरमाइंड, 1.1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित
  • कंधमाल के जंगल में मुठभेड़, 2 महिला कैडर सहित कुल 6 नक्सली ढेर
  • अमित शाह ने कहा, 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद समाप्त करने का संकल्प

समग्र समाचार सेवा
कंधमाल (ओडिशा), 25 दिसंबर: देश से नक्सलवाद को समाप्त करने की दिशा में गुरुवार को सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली। ओडिशा के कंधमाल जिले में सीमा सुरक्षा बल और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की संयुक्त कार्रवाई में CPI (माओवादी) की केंद्रीय समिति के वरिष्ठ सदस्य गणेश उइके समेत छह नक्सली मारे गए। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, 69 वर्षीय गणेश उइके देश के सबसे वांछित माओवादी नेताओं में शामिल था और उस पर 1.1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था।

कौन था गणेश उइके

मूल रूप से तेलंगाना के नलगोंडा जिले का रहने वाला गणेश उइके करीब चार दशक से माओवादी आंदोलन से जुड़ा था। वह पक्का हनुमंतू, राजेश तिवारी और रूपा जैसे नामों से भी जाना जाता था। दंडकारण्य विशेष जोनल कमेटी का प्रमुख चेहरा रहा गणेश केंद्रीय नेतृत्व और स्थानीय इकाइयों के बीच अहम कड़ी माना जाता था। बीते तीन वर्षों से वह ओडिशा के कंधमाल क्षेत्र में सक्रिय रहकर गुरिल्ला गतिविधियों का समन्वय कर रहा था।

झीरम घाटी नरसंहार की पृष्ठभूमि

25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में हुए झीरम घाटी नरसंहार को भारत के सबसे भीषण नक्सली हमलों में गिना जाता है। कांग्रेस की ‘परिवर्तन यात्रा’ के काफिले पर किए गए इस हमले में 32 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल और महेंद्र कर्मा शामिल थे। जाँच एजेंसियों के मुताबिक, इस हमले की साजिश में गणेश उइके की केंद्रीय भूमिका थी।

कैसे हुआ ऑपरेशन

सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, कंधमाल-गंजम सीमा के राम्पा जंगल क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। सुबह करीब नौ बजे शुरू हुई मुठभेड़ में नक्सलियों ने पहले गोलीबारी की, जिसका बलों ने जवाब दिया। कई घंटे चले अभियान में छह माओवादी मारे गए। मौके से दो इंसास राइफल और एक .303 राइफल बरामद की गई।

सरकार का संदेश

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह कार्रवाई नक्सल-मुक्त भारत की दिशा में मील का पत्थर है। उन्होंने दोहराया कि सरकार 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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