25 दिसम्बर दैनिक राशिफल एवं आज का पंचांग

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🐏मेष

विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। रोजगार की चिंता रह सकती है। स्वास्थ्य ठीक रहेगा। मानसिक दृढ़ता से निर्णय लेकर कार्य करना चाहिए। व्यापार में लाभकारी परिवर्तन होंगे।

🐂वृष

शत्रु परास्त होंगे। भूमि व भवन की खरीद-फरोख्त हो सकती है। रोजगार मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। नवीन गतिविधियां लाभकारी रहेंगी। व्यापार में नई योजनाओं का प्रारंभ होगा। पराक्रम के प्रति निष्क्रियता के कारण मन अप्रसन्न रहेगा।

👫मिथुन

परिवार की चिंता रहेगी। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। परोपकार करके मानसिक सुख अर्जित करेंगे। व्यापारिक स्थिति आशाजनक रहेगी। पारिवारिक, मांगलिक कार्य की योजना बनेगी। कर्ज लेने से बचना चाहिए।

🦀कर्क

व्यर्थ भागदौड़ होगी। लाभ के अवसर टलेंगे। विवाद न करें। कार्य निर्णय बहुत शांति से विचार करके करना ही शुभ है। स्वास्थ्य की ओर ध्यान दें। रुका धन मिलेगा। दु:खद समाचार मिल सकता है। विरोध होगा।

🐅सिंह

फालतू खर्च होगा। अतिथियों का आगमन होगा। शुभ समाचार मिलेंगे। मान बढ़ेगा। विवाद न करें। आर्थिक स्थिति में सुधार की संभावना है। व्यापार में नए अनुबंध होंगे। व्ययों में कमी करना चाहिए। व्यापार अच्छा चलेगा। जीवनसाथी से मतभेद।

🙍‍♀️कन्या

पुराना रोग उभर सकता है। चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। आय में कमी रहेगी। धैर्य रखें। स्वास्थ्य की समस्या हल होगी। ईश्वर के प्रति आस्था बढ़ेगी। जीवनसाथी की भावनाओं को समझें। आर्थिक निवेश लाभकारी रहेगा।

⚖️तुला

नई योजना बनेगी। कार्य का विस्तार होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। अपनी वस्तुएं संभालकर रखें। काम के प्रति दृढ़ता से कार्य में अनुकूल सफलता मिल सकेगी। पारिवारिक सुख व धन बढ़ेगा। वाणी संयम आवश्यक है।

🦂वृश्चिक

धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। समाज के कामों में उत्साहपूर्वक भाग लेंगे। नौकरी में तबादला तथा पदोन्नति के योग हैं। अनावश्यक क्रोध न करें। धन संबंधी काम पूरे होंगे।

🏹धनु

कुसंगति से बचें। लेन-देन में सावधानी रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। व्ययवृद्धि से तनाव रहेगा। विवाद न करें। सार्वजनिक कार्यों में समय व्यतीत होगा। संतान की ओर से शुभ समाचार मिलेंगे। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। रोजगार के क्षेत्र में उन्नति होगी।

🐊मकर

व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नेत्र पीड़ा संभव है। विवाद न करें। रोजगार मिलेगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। आपकी मिलनसारिता व धैर्यवान प्रवृत्ति आपके जीवन में आनंद का संचार करेगी। स्थायी संपत्ति में वृद्धि होगी।

🍯कुंभ

सुख के साधन जुटेंगे। प्रयास सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में मनचाही पदोन्नति मिलने के योग बनेंगे। धर्म के कार्यों में रुचि आपके मनोबल को ऊंचा करेगी। अजनबियों पर विश्वास न करें।

🐟मीन

वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा सफल रहेगी। लाभ होगा। उत्तम मनोबल आपकी सभी समस्याओं को हल कर देगा। प्रतिष्ठित जनों से मेलजोल बढ़ेगा। व्यापार में नए प्रस्ताव मिलेंगे।

 

*दिनाँक:-25/12/2025,गुरुवार*

पंचमी, शुक्ल पक्ष,

पौष

“””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि———— पंचमी 13:42:09. तक

पक्ष————————– शुक्ल

नक्षत्र-‐———- धनिष्ठा 08:17:34

योग——–‐—— वज्र 15:12:30

करण—–‐—– बालव 13:42:09

करण—–‐—– कौलव 25:46:38

वार———————— गुरूवार

माह———–‐—–‐——– पौष

चन्द्र राशि———–‐—— कुम्भ

सूर्य राशि‐———-‐-‐—– धनु

रितु——‐—————— शिशिर

आयन———–‐——– उत्तरायण

संवत्सर——————- विश्वावसु

संवत्सर (उत्तर) ————सिद्धार्थी

विक्रम संवत————— 2082

गुजराती संवत————- 2082

शक संवत—————– 1947

कलि संवत—————- 5126

वृन्दावन

सूर्योदय—————-07:08:39

सूर्यास्त—————– 17:30:09

दिन काल————– 10:21:29

रात्री काल————– 13:38:55

चंद्रोदय—————– 10:45:29

चंद्रास्त-‐————— 22:23:59

लग्न—- धनु 9°17′ , 249°17′

सूर्य नक्षत्र——————— मूल

चन्द्र नक्षत्र——————-धनिष्ठा

नक्षत्र पाया——‐————- ताम्र

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

गे—- धनिष्ठा 08:17:34

गो—- शतभिषा 14:30:55

सा—- शतभिषा 20:42:23

सी—- शतभिषा 26:51:56

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

      ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद

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सूर्य= धनु 09°16 , मूल 3 भा

चन्द्र= कुम्भ 06°30 , धनिष्ठा 4 गे

बुध = वृश्चिक 24°52 ‘ ज्येष्ठा 3 यी

शु क्र= धनु 06°05, मूल , 2 यो

मंगल= धनु 13°30 ‘ मूल. 4 भी

गुरु= कर्क 28°50 पुनर्वसु, 3 हा

शनि=मीन 01°13 ‘ पूo भा o , 4 दी

राहू=(व) कुम्भ 18°24 शतभिषा, 4 सू

केतु= (व) सिंह 18°24 पूoफाo 2 टा

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*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 13:37 – 14:55 अशुभ

यम घंटा 07:09 – 08:26 अशुभ

गुली काल 09:44 – 11:02 अशुभ

अभिजित 11:59 – 12:40 शुभ

दूर मुहूर्त 10:36 – 11:17 अशुभ

दूर मुहूर्त 14:44 – 15:26 अशुभ

वर्ज्यम 15:45 – 17:25 अशुभ

प्रदोष 17:30 – 20:17 शुभ

💮चोघडिया, दिन

शुभ 07:09 – 08:26 शुभ

रोग 08:26 – 09:44 अशुभ

उद्वेग 09:44 – 11:02 अशुभ

चर 11:02 12:19 शुभ

लाभ 12:19 – 13:37 शुभ

अमृत 13:37 – 14:55 शुभ

काल 14:55 16:12 अशुभ

शुभ 16:12 – 17:30 शुभ

🚩चोघडिया, रात

अमृत 17:30 – 19:13 शुभ

चर 19:13 20:55 शुभ

रोग 20:55 22:37 अशुभ

काल 22:37 24:20* अशुभ

लाभ 24:20* – 26:02* शुभ

उद्वेग 26:02* – 27:44* अशुभ

शुभ 27:44* – 29:27* शुभ

अमृत 29:27* – 31:09* शुभ

💮होरा, दिन

बृहस्पति 07:09 -08:00

मंगल 08:00- 08:52

सूर्य 08:52 -09:44

शुक्र 09:44- 10:36

बुध 10:36- 11:28

चन्द्र 11:28- 12:19

शनि 12:19- 13:11

बृहस्पति 13:11- 14:03

मंगल 14:03 -14:55

सूर्य 14:55- 15:47

शुक्र 15:47- 16:38

बुध 16:38 -17:30

होरा, रात

चन्द्र 17:30- 18:38

शनि 18:38- 19:47

बृहस्पति 19:47 -20:55

मंगल 20:55- 22:03

सूर्य 22:03- 23:11

शुक्र 23:11 -24:20

बुध 24:20-25:28

चन्द्र 25:28-26:36

शनि 26:36-27:44

बृहस्पति 27:44-28:53

मंगल 28:53-30:01

सूर्य 30:01-31:09

*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

धनु > 06:32 से 08:34 तक

मकर > 08:34 से 10:14 तक

कुम्भ > 10:14 से 11:54 तक

मीन > 11:54 से 13:18 तक

मेष > 13:18 से 14:54 तक

वृषभ > 14:54 से 16:48 तक

मिथुन > 16:48 से 19:18 तक

कर्क > 19:18 से 21:28 तक

सिंह > 21:28 से 11:34 तक

कन्या > 11:34 से 02:04 तक

तुला > 02:04 से 04:06 तक

वृश्चिक > 04:06 से 06:30 तक

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🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————- दक्षिण*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा बेसन के लड्डू खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

5 + 5 + 1 = 11 ÷ 4 = 3 शेष

 पृथ्वी लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

बुध ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

 5 + 5 + 5 = 15 ÷ 7 = 1 शेष

कैलाश वास = शुभ कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:*

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

  *तुलसी पूजन दिवस

💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

विप्राऽस्मिन्नगरे महान् कथयकस्तालद्रुमाणां गणः

को दाता रजको ददाति वसनं प्रातर्गृ हीत्वा निशि ।

को दक्षः परवित्तदारहरणे सर्वोऽपि दक्षो जनः

कस्माज्जीवसि हे सखे विष कृमिन्यायेन जीवाम्यहम् ।।

।।चाo नीo।।

एक अजनबी ने एक ब्राह्मण से पूछा. “बताइए, इस शहर में महान क्या है?”. ब्राह्मण ने जवाब दिया की खजूर के पेड़ का समूह महान है.

अजनबी ने सवाल किया की यहाँ दानी कौन है? जवाब मिला के वह धोबी जो सुबह कपडे ले जाता है और शाम को लौटाता है.

प्रश्न हुआ यहाँ सबसे काबिल कौन है. जवाब मिला यहाँ हर कोई दुसरे का द्रव्य और दारा हरण करने में काबिल है.

प्रश्न हुआ की आप ऐसी जगह रह कैसे लेते हो? जवाब मिला की जैसे एक कीड़ा एक दुर्गन्ध युक्त जगह पर रहता है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: कर्मयोग अo-3

इन्द्रियस्येन्द्रियस्यार्थे रागद्वेषौ व्यवस्थितौ।

 तयोर्न वशमागच्छेत्तौ ह्यस्य परिपन्थिनौ॥

इन्द्रिय-इन्द्रिय के अर्थ में अर्थात प्रत्येक इन्द्रिय के विषय में राग और द्वेष छिपे हुए स्थित हैं। मनुष्य को उन दोनों के वश में नहीं होना चाहिए क्योंकि वे दोनों ही इसके कल्याण मार्ग में विघ्न करने वाले महान्‌ शत्रु हैं

 ॥34॥

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