अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पर लगे थे बलात्कार के आरोप, एपस्टीन फ़ाइल्स में दावे
न्याय विभाग ने कहा– आरोप असत्य और सनसनीखेज, किसी जाँच की पुष्टि नहीं
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एपस्टीन जाँच से जुड़े दस्तावेज़ों में ट्रंप पर पुराने आरोपों का उल्लेख
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अमेरिकी न्याय विभाग ने आरोपों को पूरी तरह खारिज किया
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फ़ाइल्स में ट्रंप के ख़िलाफ़ किसी आपराधिक जाँच का संकेत नहीं
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अब तक लगभग 30 हज़ार दस्तावेज़ सार्वजनिक किए गए
समग्र समाचार सेवा
वॉशिंगटन | 24 दिसंबर: अमेरिका के न्याय विभाग द्वारा जारी जेफरी एपस्टीन जाँच से जुड़े नए दस्तावेज़ों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर एक गंभीर लेकिन अप्रमाणित आरोप सामने आया है। दस्तावेज़ों में दावा किया गया है कि कई दशक पहले एक महिला ने ट्रंप पर बलात्कार का आरोप लगाया था। हालांकि अमेरिकी न्याय विभाग ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इन्हें “असत्य और सनसनीखेज” बताया है।
न्याय विभाग ने स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक की गई एपस्टीन फ़ाइल्स में दर्ज आरोपों की कोई पुष्टि नहीं हुई है और इन्हें तथ्यात्मक सत्य के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। विभाग ने यह भी कहा कि पारदर्शिता के नाम पर हर अप्रमाणित आरोप को सच मान लेना उचित नहीं है।
मंगलवार को जारी किए गए ये रिकॉर्ड एपस्टीन फ़ाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट के तहत सार्वजनिक किए गए हैं, जिसके अंतर्गत जेफरी एपस्टीन से जुड़े संघीय दस्तावेज़ों को सार्वजनिक करना अनिवार्य है। न्याय विभाग ने असामान्य रूप से एक सार्वजनिक बयान जारी कर बताया कि इन फ़ाइल्स में शामिल कुछ आरोप 2020 के राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले एफबीआई को भेजे गए थे, लेकिन उनमें कोई विश्वसनीय आधार नहीं पाया गया।
न्याय विभाग के अनुसार, “यह स्पष्ट कर देना ज़रूरी है कि ये दावे झूठे और निराधार हैं। यदि इनमें ज़रा भी सच्चाई होती, तो इन्हें पहले ही राष्ट्रपति ट्रंप के ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया जा चुका होता।”
ड्राइवर के बयान और कथित पीड़िता का दावा
जारी दस्तावेज़ों में जाँच एजेंसियों को भेजी गई कच्ची जानकारियाँ भी शामिल हैं। इनमें एक कथित पीड़िता का आरोप दर्ज है, जिसमें उसने ट्रंप और एपस्टीन दोनों पर बलात्कार का दावा किया था। इसके साथ ही एक लिमोज़िन चालक का बयान भी फ़ाइल्स में शामिल है, जिसने कथित तौर पर ट्रंप को एपस्टीन द्वारा एक लड़की के “शोषण” की बात करते सुना था।
हालांकि दस्तावेज़ों से यह स्पष्ट नहीं होता कि एफबीआई ने इन जानकारियों के आधार पर कोई ठोस कार्रवाई की या नहीं। यह भी बताया गया है कि आरोप लगाने वाली महिला की बाद में सिर में गोली लगने से मौत हो गई थी।
न्याय विभाग ने ज़ोर देकर कहा कि एपस्टीन फ़ाइल्स में कहीं भी यह संकेत नहीं है कि ट्रंप को किसी आपराधिक मामले में संदिग्ध माना गया हो या उनके ख़िलाफ़ किसी प्रकार की औपचारिक जाँच शुरू की गई हो। यह स्वीकार किया गया है कि ट्रंप और एपस्टीन के बीच 2000 के दशक के मध्य तक सामाजिक संपर्क रहे थे, लेकिन किसी अपराध से ट्रंप का सीधा संबंध नहीं बताया गया।
अब तक 30 हज़ार दस्तावेज़ सार्वजनिक
इस चरण में करीब 30,000 दस्तावेज़ जारी किए गए हैं, जिनमें पीड़ितों की पहचान सुरक्षित रखने के लिए कई हिस्सों को हटा दिया गया है। दस्तावेज़ों में शामिल एक 2020 के ईमेल में यह उल्लेख है कि ट्रंप ने एपस्टीन के निजी विमान में पहले बताई गई संख्या से अधिक बार यात्रा की थी। हालांकि न्याय विभाग ने दोहराया कि किसी दस्तावेज़ में आरोप का उल्लेख होना, उसके सच होने का प्रमाण नहीं माना जा सकता।
न्याय विभाग का कहना है कि आने वाले हफ्तों में एपस्टीन मामले से जुड़े और दस्तावेज़ सार्वजनिक किए जा सकते हैं, लेकिन पारदर्शिता का अर्थ यह नहीं है कि हर अप्रमाणित आरोप को तथ्य मान लिया जाए।