दूसरे धर्म का अपमान करने पर कड़ी सजा, तेलंगाना में नया कानून लाने की तैयारी
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा—घृणास्पद भाषण पर सख्ती के लिए मौजूदा कानूनों में बदलाव, विधानसभा में नया विधेयक लाया जाएगा।
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हैदराबाद के एलबी स्टेडियम में क्रिसमस कार्यक्रम के दौरान सीएम ने कानून की घोषणा की।
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दूसरे धर्मों का अपमान और धार्मिक नफरत फैलाने पर सख्त दंड का प्रावधान होगा।
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अल्पसंख्यकों के अधिकारों और कल्याण योजनाओं के लाभ सुनिश्चित करने पर जोर।
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विपक्षी भारतीय जनता पार्टी और भारत राष्ट्र समिति ने कार्यक्रम में सोनिया गांधी के उल्लेख पर आलोचना की।
समग्र समाचार सेवा
हैदराबाद | 21 दिसंबर: तेलंगाना सरकार धार्मिक नफरत और घृणास्पद भाषण के खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने शनिवार को घोषणा की कि राज्य सरकार दूसरे धर्मों का अपमान करने वालों पर कड़ी कार्रवाई के लिए नया कानून लाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि मौजूदा कानूनी प्रावधानों में बदलाव कर सजा को प्रभावी बनाया जाएगा।
क्रिसमस के अवसर पर एलबी स्टेडियम में आयोजित सरकारी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने वाले कृत्यों के खिलाफ अब सख्ती बरती जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अल्पसंख्यकों को सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलना उनका अधिकार है और ईसाइयों तथा मुसलमानों के कब्रिस्तान से जुड़े लंबित मुद्दों का शीघ्र समाधान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने दिसंबर को “चमत्कार का महीना” बताते हुए कहा कि यह महीना तेलंगाना और कांग्रेस दोनों के लिए अहम रहा है। उन्होंने बताया कि सोनिया गांधी का जन्म भी दिसंबर में हुआ और राज्य का गठन भी इसी महीने में हुआ था। सीएम ने दोहराया कि राज्य ‘तेलंगाना राइजिंग 2047’ विजन के अनुसार आगे बढ़ेगा, जिसका लक्ष्य तेलंगाना को विकास और कल्याण के मामले में देश का अग्रणी राज्य बनाना है।
हालांकि, कार्यक्रम में सोनिया गांधी के उल्लेख और प्रशंसा को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा। भाजपा ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए आरोप लगाया कि सरकारी मंच का राजनीतिक उपयोग किया गया है, जबकि बीआरएस ने भी इस पर आपत्ति जताई।