जी राम जी’ विधेयक पारित, शिवराज सिंह चौहान पर फेंके गए कागज

मनरेगा की जगह VB-G RAM G योजना लाने पर विपक्ष का विरोध, सदन में तीखी बहस और नारेबाजी

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  • भारी हंगामे के बीच लोकसभा से पारित हुआ ‘विकसित भारत जी राम जी’ विधेयक।
  • विपक्ष ने मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाने का आरोप लगाया।
  • शिवराज सिंह चौहान ने कहा— विपक्ष बापू के आदर्शों की हत्या कर रहा है।
  • नई योजना में सालाना 125 दिन रोजगार देने का प्रस्ताव।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली | 18 दिसंबर: लोकसभा में ‘विकसित भारत जी राम जी’ (VB-G RAM G) विधेयक को भारी हंगामे के बीच पारित कर दिया गया। सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्षी सांसदों ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर कागज फेंके, जिससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया। यह विधेयक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के स्थान पर नई ग्रामीण रोजगार एवं विकास योजना के रूप में लाया गया है।

पिछले कई दिनों से इस विधेयक को लेकर संसद के भीतर और बाहर राजनीतिक विवाद जारी था। विपक्षी दलों का आरोप है कि केंद्र सरकार ने जानबूझकर महात्मा गांधी का नाम योजना से हटाया है, जो गांधीवादी विचारधारा और ग्रामीण गरीबों के साथ अन्याय है। विपक्ष का कहना है कि मनरेगा केवल रोजगार योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण सामाजिक सुरक्षा की रीढ़ रही है।

वहीं, सरकार की ओर से इस आरोप को खारिज करते हुए कहा गया कि योजना का नाम बदलने का उद्देश्य महात्मा गांधी के विचारों को कमजोर करना नहीं, बल्कि ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप ग्रामीण विकास को नया ढांचा देना है।

सदन में हंगामे के बीच केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “विपक्ष बापू के आदर्शों की हत्या कर रहा है। कल सदन में मैंने रात डेढ़ बजे तक माननीय सदस्यों की बात सुनी। अपनी बात सुना दो और हमारी न सुनो— यह भी हिंसा है।” उन्होंने आगे कहा कि महात्मा गांधी भारतीय जनता पार्टी के आदर्श और प्रेरणा हैं और पार्टी की पंचनिष्ठा में गांधी जी के सामाजिक और आर्थिक दर्शन को स्थान दिया गया है।

शिवराज सिंह चौहान ने भावुक अंदाज में कहा, “यह देश हमारे लिए जमीन का टुकड़ा नहीं, बल्कि जीता-जागता राष्ट्रपुरुष है। हम जिएंगे तो इसके लिए और यदि मरना पड़ा, तो इसके लिए मरेंगे भी।”

केंद्र सरकार क्यों लाई VB-G RAM G योजना?

विधेयक के उद्देश्य में कहा गया है कि बीते 20 वर्षों में मनरेगा ने ग्रामीण परिवारों को रोजगार देने में अहम भूमिका निभाई, लेकिन इस दौरान गांवों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में बड़े बदलाव आए हैं। इन्हीं बदलावों को ध्यान में रखते हुए सरकार का कहना है कि अब योजना को अधिक मजबूत, टिकाऊ और विकासोन्मुख बनाने की आवश्यकता है।

VB-G RAM G में कितने दिन मिलेगा रोजगार?

वर्तमान में मनरेगा के तहत ग्रामीण परिवारों को साल में 100 दिन का रोजगार मिलता है। नई VB-G RAM G योजना में इसे बढ़ाकर 125 दिन करने का प्रस्ताव है। विधेयक के अनुसार, बिना कौशल वाले कार्य को करने के लिए तैयार प्रत्येक ग्रामीण परिवार को हर वर्ष 125 दिन का वेतनयुक्त रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।

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