कोच और मालगाड़ियों पर विज्ञापन से बढ़ेगी आय
रेलवे की संसदीय समिति ने सुझाया ट्रेन कोचों पर विज्ञापन से आय बढ़ाने का रास्ता
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली | 17 दिसंबर: भारतीय रेलवे अब यात्रियों और कारोबार दोनों के लिए और अधिक सुविधाजनक और आधुनिक बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। संसदीय स्थायी समिति ने सुझाव दिया है कि आने वाले दिनों में राजधानी, शताब्दी और प्रीमियम ट्रेनों के कोचों के साथ-साथ मालगाड़ियों के डिब्बों पर कंपनियां विज्ञापन कर सकेंगी। इस पहल से रेलवे की आय में वृद्धि होगी और इसे आर्थिक रूप से और मजबूत बनाया जा सकेगा।
रेलवे की संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष, आंध्र प्रदेश से भाजपा सांसद सीएम रमेश ने कहा कि समिति ने यह सुझाव दिया है कि रेल मंत्रालय को किराए के अलावा आय बढ़ाने के अन्य उपायों पर ध्यान देना चाहिए। इसके तहत ट्रेन के डिब्बों और मालगाड़ी के वैगनों पर विज्ञापन को एक सरल, प्रभावी और व्यावहारिक तरीका बताया गया है। इस कदम से रेलवे के वित्तीय संसाधनों में बढ़ोतरी होगी और आम यात्रियों और व्यवसायों के लिए भी सेवाओं में सुधार की संभावना बढ़ेगी।
समिति ने यह भी सुझाव दिया कि माल ढुलाई दरों की नियमित समीक्षा हर साल की जानी चाहिए। माल ढुलाई दरों में अंतिम बार बदलाव 2018 में हुआ था, और तब से ये दरें अपरिवर्तित रही हैं। समिति ने कहा कि रेलवे को माल के प्रकार, बाजार की मौजूदा मांग और परिचालन लागत को ध्यान में रखते हुए दरों की वार्षिक समीक्षा करनी चाहिए। इससे रेलवे सड़क परिवहन के मुकाबले अधिक प्रतिस्पर्धी बनेगा और माल ढुलाई और अधिक सुचारू और प्रभावी होगी।
रेल मंत्रालय इस समय कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम कर रहा है और 2031 तक 30 करोड़ टन माल ढुलाई का लक्ष्य लेकर चल रहा है। समिति ने इसके अलावा सुझाव दिया कि रेलवे को संचालन लागत, वित्तीय दबाव और बाजार की आवश्यकताओं के अनुरूप अपने किराए को सरल, उचित और पारदर्शी बनाए रखना चाहिए। इससे यात्रियों और माल ढुलाई करने वाले उद्योगों को सीधे लाभ मिलेगा।
रेलवे की इस पहल से यह स्पष्ट है कि सरकार और रेलवे प्रशासन आर्थिक स्थिरता, सेवा सुधार और आधुनिक तकनीकी उपायों के माध्यम से देश की परिवहन क्षमता को बढ़ाने में जुटे हुए हैं। ट्रेन के कोचों और मालगाड़ियों पर विज्ञापन, मालभाड़ा दरों की वार्षिक समीक्षा और प्रतिस्पर्धात्मक किराए जैसे कदम रेलवे को अधिक गतिशील, टिकाऊ और आय बढ़ाने वाला बनाने में सहायक होंगे।
सारांश में, रेलवे की संसदीय समिति का यह सुझाव रेल नेटवर्क को आधुनिक बनाने, सेवा में सुधार और वित्तीय मजबूती लाने के दृष्टिकोण को दर्शाता है। आने वाले वर्षों में यह कदम यात्रियों और व्यवसाय दोनों के लिए लाभकारी साबित होंगे और भारतीय रेलवे को वैश्विक स्तर पर और प्रतिस्पर्धी बनाएंगे।