पाकिस्तान को यूएन में भारत का करारा जवाब
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में निर्दोष नागरिकों पर हमलों की निंदा की, कहा—दंड की नीति से अफगानिस्तान में स्थिति नहीं बदलेगी
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भारत ने UNSC बैठक में अफगानिस्तान पर हुए हवाई हमलों की तीखी आलोचना की
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पाकिस्तान का नाम लिए बिना ‘ट्रेड और ट्रांजिट आतंकवाद’ पर गहरी चिंता जताई
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राजदूत पार्वथनेनी हरीश ने तालिबान के साथ व्यावहारिक संबंधों की जरूरत बताई
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भारत ने अफगानिस्तान की संप्रभुता, अखंडता और शांति का समर्थन दोहराया
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11 दिसंबर: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में भारत ने अफगानिस्तान में हाल ही में हुए हवाई हमलों की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान को बिना नाम लिए एक बार फिर करारा जवाब दिया। बैठक को भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पार्वथनेनी हरीश ने संबोधित किया।
उन्होंने साफ कहा कि यदि तालिबान के खिलाफ केवल दंड देने वाली नीति अपनाई जाएगी, तो अफगानिस्तान की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आएगा।
भारत ने जोर देकर कहा कि वहां के लोगों की वास्तविक ज़रूरतों को समझते हुए व्यावहारिक और रचनात्मक संबंधों की आवश्यकता है।
हरीश ने अफगानिस्तान में महिलाओं, बच्चों और खिलाड़ियों सहित निर्दोष नागरिकों की मौत पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने UNAMA की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि हिंसा हर तरह से स्वीकार्य नहीं है।
भारत ने पाकिस्तान के उस कदम की आलोचना भी की जिसमें उसने अफगानिस्तान के साथ व्यापार और सीमा मार्ग बंद कर दिए। भारत ने इसे ‘ट्रेड और ट्रांजिट आतंकवाद’ बताया और कहा कि इससे अफगानिस्तान जैसे पहले से संघर्ष झेल रहे देश पर और दबाव बढ़ता है।
प्रतिनिधि ने कहा कि ये कदम विश्व व्यापार संगठन (WTO) के मानकों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी कमजोर देश को खुले तौर पर धमकाना या उस पर हमला करना UN चार्टर का उल्लंघन है।
उन्होंने दोहराया कि भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता का दृढ़ समर्थक है। भारत वर्षों से अफगानिस्तान में स्थिरता, शांति और विकास की कोशिशों में सहभागी रहा है।
हरीश ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे मिलकर यह सुनिश्चित करें कि ISIL, अल-कायदा, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा न दें।