क्या घुसपैठिए तय करेंगे कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कौन बनेगा-अमित शाह

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  • अमित शाह ने कहा—सटीक मतदाता सूची के बिना निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं।
  • 2025 में चुनाव आयोग करेगा विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR)।
  • ‘501 वोटर वाले घर’ पर बोले, हाउस नंबर 265 पुश्तैनी एकड़ भूमि पर कई परिवारों का संयुक्त पता है।
  • दोहरे नाम प्रणालीगत त्रुटि; एसआईआर का उद्देश्य शुद्धिकरण, विपक्ष के आरोप बेबुनियाद।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली। 11 दिसंबर: लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि लोकतंत्र की नींव मतदाता सूची होती है, और यदि वही त्रुटिपूर्ण होगी तो चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठना स्वाभाविक है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “क्या देश का प्रधानमंत्री और राज्य का मुख्यमंत्री तय करने वाले घुसपैठिए होंगे?”

अमित शाह ने बताया कि 2004 तक किसी भी राजनीतिक दल ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का विरोध नहीं किया था। यह प्रक्रिया मतदाता सूची को अद्यतन और सटीक रखने का महत्वपूर्ण माध्यम है। चुनाव आयोग ने इसी उद्देश्य से 2025 में एसआईआर कराने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि 2004 के बाद अब 2025 में यह प्रक्रिया दोबारा हो रही है और इसकी जरूरत इसलिए है क्योंकि समय के साथ त्रुटियां बढ़ी हैं—कुछ लोगों के नाम दो जगह दर्ज हैं, कई मृतक मतदाता सूची में बने हुए हैं और कई घरों के पते संयुक्त रूप से दर्ज हैं। शाह के अनुसार,  यदि सूची गड़बड़ होगी तो निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद कैसे की जा सकती है?

घुसपैठ और दोहरे नामों पर सख्त टिप्पणी

गृह मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र तभी सुरक्षित रह सकता है जब मतदाता सूची स्वच्छ हो। उन्होंने कहा कि एक मतदाता का नाम एक से अधिक स्थान पर दर्ज होना गलत है और इसे हटाना आवश्यक है। इसी उद्देश्य से एसआईआर को अनिवार्य किया जा रहा है।

शाह ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ दलों को इस प्रक्रिया से दिक्कत इसलिए है क्योंकि  देश के मतदाता तो उन्हें वोट देते नहीं, कुछ विदेशी वोटरों पर उम्मीद थी, वे भी हट जाएंगे।

‘501 वोटर एक घर में’—चुनाव आयोग की सफाई

अमित शाह ने राहुल गांधी के उस दावे पर भी जवाब दिया जिसमें कहा गया था कि हरियाणा के एक घर में 501 वोटर दर्ज हैं। शाह ने चुनाव आयोग की जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि:

  • हाउस नंबर 265 कोई छोटा मकान नहीं, बल्कि एक एकड़ के पुश्तैनी प्लॉट पर स्थित कई परिवारों का संयुक्त आवास है।
  • परिवारों को अलग-अलग घर नंबर नहीं दिए गए हैं, इसलिए सभी के पते पर एक ही नंबर दर्ज है।
  • यह न तो फर्जी वोटर हैं और न ही फर्जी पता।

उन्होंने कहा कि यह नंबर वर्षों से कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से ही इसी प्रकार दर्ज है।

प्रणालीगत त्रुटियां और एसआईआर की ज़रूरत

गृह मंत्री ने कहा कि मतदाता सूची में दोहरे नाम अक्सर व्यक्ति की गलती नहीं होते, बल्कि यह प्रक्रिया की तकनीकी कमियों का परिणाम होते हैं।
2010 में रिटर्निंग ऑफिसर के अधिकार से डुप्लिकेट प्रविष्टियां हटाने का प्रावधान समाप्त किया गया था, जिसके कारण त्रुटियों में वृद्धि हुई।

उन्होंने कहा कि कई नेताओं के नाम भी एक से अधिक जगह दर्ज पाए गए हैं। एसआईआर का उद्देश्य ऐसी त्रुटियों को खत्म करना है, लेकिन इसके बावजूद एनडीए पर ‘वोट चोरी’ के आरोप लगाए जा रहे हैं, जो पूरी तरह राजनीतिक हैं।

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