नेता-उद्योगपति शादियों में फिजूलखर्ची से दो नंबर का पैसा खपाते हैं: उमा भारती

पूर्व मुख्यमंत्री बोलीं— सीमित साधनों में काम चलाना होगा, तभी भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम

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  • उमा भारती ने कहा, नेता और उद्योगपति शादियों में दो नंबर का पैसा उड़ाते हैं।
  • करोड़ों की शादियों पर सवाल, बोलीं- इतने में हजारों गरीब बेटियों की शादी हो सकती है।
  • उन्होंने उद्योगपतियों की शादियों में जाना बंद किया, गार्ड को निमंत्रण अस्वीकार करने के निर्देश दिए।
  • बच्चों में बढ़ती हीन भावना और माता-पिता की दिखावे की दौड़ को भ्रष्टाचार की जड़ बताया।

समग्र समाचार सेवा
टीकमगढ़, 6 दिसंबर: भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि देश में नेताओं और बड़े उद्योगपतियों ने शादियों को दो नंबर का पैसा खपाने का मुख्य साधन बना लिया है। उन्होंने कहा कि आजकल अधिकांश शादियां मैरिज गार्डन में हो रही हैं, जहाँ अनावश्यक रूप से भारी-भरकम खर्च किया जा रहा है।

उमा भारती ने उद्योगपतियों द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर मंच सजावट और डांसर बुलाने की प्रथा पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इतने पैसों में हजारों गरीब बेटियों का विवाह कराया जा सकता है। अगर समाज सीमित साधनों में काम चलाना शुरू कर दे तो भ्रष्टाचार के खिलाफ यह एक बड़ी जनक्रांति साबित होगी।

उन्होंने कहा, “पहले हम कहते थे अंग्रेजों भारत छोड़ो, अब भ्रष्टाचारी भारत में रहो लेकिन सुधर जाओ कहना होगा।”

पत्रकारों से बातचीत में उमा भारती ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार पर काबू पाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अगले दस वर्षों तक पद पर बने रहना आवश्यक है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने उद्योगपतियों की शादियों में जाना बंद कर दिया है और अपने गार्ड को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ऐसे निमंत्रण स्वीकार न किए जाएँ।

उन्होंने चेताया कि देश में सुविधाओं की प्रतिस्पर्धा ने बच्चों में हीन भावना बढ़ा दी है। इसे देखकर माता-पिता दिखावे की होड़ में पड़ जाते हैं और बच्चों की परवरिश बेहतर दिखाने के लिए भ्रष्टाचार का रास्ता चुन लेते हैं। उमा भारती ने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे शादियों में होने वाली फिजूलखर्ची पर रोक लगाएँ और समाज के लिए आदर्श प्रस्तुत करें।

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