सिर पर ईंट लिए निकले सफीकुल, बेलडांगा में आज मस्जिद की नींव रखेंगे हुमायूं कबीर
60–70 लाख के आयोजन, हाई कोर्ट ने रोक से इनकार; सुरक्षा बढ़ी, राजनीतिक तनाव तेज
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उत्तर बारासात के सफीकुल इस्लाम ईंटें ढोते हुए बोले—बाबरी शैली की मस्जिद निर्माण में योगदान देने आया हूँ
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टीएमसी के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर बेलडांगा में आज मस्जिद की आधारशिला रखेंगे
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भाजपा ने चेतावनी दी, राज्य सरकार ने अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए
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कलकत्ता हाई कोर्ट ने रोक लगाने की याचिका ठुकराई, कहा—इस चरण में हस्तक्षेप नहीं
समग्र समाचार सेवा
बेलडांगा (पश्चिम बंगाल), 6 दिसंबर: बेलडांगा में आज उस समय अलग ही दृश्य दिखा जब उत्तर बारासात के मोहम्मद सफीकुल इस्लाम सिर पर ईंटों से भरी टोकरी लेकर कार्यक्रम स्थल की ओर बढ़ते नजर आए। सफीकुल का कहना है कि वे बाबरी शैली की बनने वाली मस्जिद में अपना योगदान देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे वही ईंटें लेकर जा रहे हैं जहाँ विधायक हुमायूं कबीर आधारशिला रखने वाले हैं।
मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में टीएमसी के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर आज बाबरी मस्जिद की तर्ज पर एक नई मस्जिद का शिलान्यास करेंगे। कार्यक्रम स्थल एनएच-12 के किनारे बनाया गया है, जहाँ तैयारियाँ किसी बड़े राजनीतिक आयोजन की तरह चल रही हैं। समारोह सुबह 10 बजे शुरू होगा और दोपहर में आधारशिला रखी जाएगी। आयोजन का बजट 60–70 लाख रुपये बताया गया है। मेहमानों के लिए 40,000 और स्थानीय लोगों के लिए 20,000 बिरयानी पैकेट तैयार किए जा रहे हैं, जबकि सऊदी अरब से मौलवियों को बुलाने की भी जानकारी सामने आई है।
राजनैतिक तनाव भी कार्यक्रम से पहले बढ़ गया है। भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने हुमायूं कबीर को चेतावनी देते हुए कहा है कि बाबरी शैली की मस्जिद की आधारशिला रखने पर गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। तनाव को देखते हुए राज्य सरकार ने इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजे हैं और राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
उधर, कलकत्ता हाई कोर्ट ने मस्जिद निर्माण पर रोक लगाने की मांग वाली जनहित याचिका पर हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। याचिकाकर्ता ने कहा था कि आयोजन से सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ सकता है और कबीर की बयानबाजी माहौल को खराब कर रही है। अदालत ने स्पष्ट किया कि अभी रोक लगाना संभव नहीं है।
हुमायूं कबीर का विवादों भरा सफर
एक समय ममता बनर्जी की पहली कैबिनेट का हिस्सा रहे हुमायूं कबीर कई बार बयानबाजी और दल-बदल के कारण सुर्खियों में रहे हैं। 2011 में कांग्रेस से जीतने के बाद वे टीएमसी में आए, मंत्री बने और बाद में विवादित आरोपों के कारण छह साल के लिए निलंबित हुए। 2016 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा, फिर भाजपा में गए, और 2021 में टीएमसी में लौटकर भरतपुर से विधायक बने।
2024 में चुनाव प्रचार के दौरान उनके “हिंदुओं को दो घंटे में भागीरथी में फेंकने” वाले बयान पर देशभर में आलोचना हुई और पार्टी ने उन्हें नोटिस जारी किया। हालिया निलंबन के बाद उनका यह नया धार्मिक-राजनैतिक कदम फिर विवाद और राजनीतिक हलचल को जन्म दे रहा है।