ICSI का नया क्लाइमेट-गवर्नेंस ढांचा पेश
रूस-भारत शिखर सम्मेलन के बीच ICSI ने ESG व Stewardship पर नए मानक दिए
- Institute of Company Secretaries of India (ICSI) ने क्लाइमेट चेंज गवर्नेंस के लिए नए सिद्धांत (IPCG) प्रस्तावित किए।
- ICSI ने ESG पॉलिसी तैयार करने हेतु एक Stakeholder Engagement Toolkit भी जारी की।
- International Financial Services Centres Authority (IFSCA) ने ICSI के Stewardship Guiding Principles (IGPS) को औपचारिक रूप से स्वीकार किया।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5 दिसंबर: वैश्विक गर्माहट, पर्यावरणीय असुरक्षा और सतत विकास की चुनौतियों के बीच, ICSI ने यह स्पष्ट किया है कि अब कॉर्पोरेट दुनिया को सिर्फ लाभ कमाने के बजाय दीर्घकालिक और सतत मूल्यों पर ध्यान देना होगा। हाल ही में ICSI ने ICSI Principles on Climate Change Governance (IPCG) नामक नया ढांचा पेश किया है, जो कंपनियों को जलवायु-संबंधित जोखिम, उत्सर्जन, सततता लक्ष्यों, और खुलासे (disclosure) की दिशा में मार्गदर्शन करता है।
IPCG के साथ-साथ, ICSI ने Stakeholder Engagement Toolkit on ESG जारी की है, ताकि कंपनी सचिव, बोर्ड और प्रबंधन मूल्य आधारित ESG नीतियाँ विकसित कर सकें। इस टूलकिट की मदद से कंपनियाँ पर्यावरण (E), सामाजिक (S) और प्रशासनिक (G) पहलुओं को एकीकृत रूप से देख सकें।
इसके अलावा, ICSI के पहले से प्रस्तावित IGPS (Stewardship Principles) को IFSCA द्वारा मान्यता मिली है। इसका मतलब है कि IFSCs में संचालित फंड मैनेजमेंट कंपनियाँ और Institutional Investors ICSI के stewardship norms को अपनाएँगे, जिससे निवेश की पारदर्शिता, समाज और क्लाइंट्स के हितों की सुरक्षा, और दीर्घकालिक मूल्य सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
ICSI का कहना है कि stewardship केवल अनुपालन (compliance) नहीं, बल्कि एक व्यापक जिम्मेदारी (responsibility) और रणनीतिक दृष्टिकोण है। जब निवेशक और प्रबंधन ESG-उन्मुख रणनीति अपनाएँगे, तब कंपनियाँ जल्दबाज़ी में शॉर्ट-टर्म लाभ के बजाय स्थिर और जिम्मेदार विकास की ओर बढ़ेंगी।
ICSI अध्यक्ष ने कहा कि:
“क्लाइमेट विचारों को व्यावसायिक ढांचे में शामिल करना हो, तो स्पष्ट सिद्धांत, विस्तृत मार्गदर्शन और सक्षम पेशेवर चाहिए — ICSI इन सब को लेकर आगे है।”
ICSI सचिव ने भी इस बात पर जोर दिया कि बदलते वैश्विक माहौल में निगमों, निवेशकों और देशों को रणनीतिक रूप से काम करना चाहिए और ICSI इसके लिए सही प्लेटफार्म मुहैया करा रहा है।
विश्लेषकों का कहना है कि ICSI की ये पहल भारत में कॉर्पोरेट गवर्नेंस, ESG और सतत विकास (sustainable development) की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।