सरकार हमें मिलने नहीं देती, पुतिन की भारत यात्रा से पहले राहुल गांधी का आरोप

राहुल गांधी ने कहा, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह सरकार में विदेशी नेता विपक्ष से मिलते थे, लेकिन मोदी सरकार "असुरक्षा" के कारण परंपरा नहीं निभा रही।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
  • राहुल गांधी का दावा, सरकार विदेशी मेहमानों से कहती है कि विपक्ष के नेता से न मिलें
  • शशि थरूर बोले, लोकतंत्र में सभी पक्षों से मुलाकात की आज़ादी होनी चाहिए
  • प्रियंका गांधी ने कहा, सरकार की असुरक्षा लोकतांत्रिक छवि को नुकसान पहुँचा रही
  • पुतिन की दो दिवसीय भारत यात्रा में 25+ समझौते और 10 इंटर-सरकारी दस्तावेज़ों पर मुहर की तैयारी

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4 दिसंबर: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नई दिल्ली पहुंचने से कुछ घंटे पहले लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार विदेशी नेताओं को विपक्ष के नेता से मिलने से रोकती है, जबकि यह परंपरा अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह सरकारों में हमेशा निभाई जाती थी।

राहुल गांधी ने संसद परिसर में कहा, “परंपरा रही है कि भारत आने वाले सभी विदेशी नेता विपक्ष से भी मिलते थे। लेकिन अब यह बंद कर दिया गया है। जब मैं विदेश जाता हूँ तो वहां भी सुझाव दिया जाता है कि लोग LoP से न मिलें। सरकार असुरक्षित है, इसलिए यह परंपरा नहीं निभा रही।”

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने राहुल गांधी की बात का समर्थन करते हुए कहा कि लोकतंत्र में सभी पक्षों से संवाद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आगंतुक विदेशी गणमान्य अतिथियों को सभी आवाज़ें सुनने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। थरूर ने यह भी बताया कि पुतिन की यात्रा से पहले रक्षा और आवागमन (मोबिलिटी) संबंधी समझौतों पर विशेषज्ञ स्तर की बातचीत जारी है।
उन्होंने कहा, “एस-400 प्रणाली की उपयोगिता ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान स्पष्ट दिखाई दी। और ‘एस-500 प्रणाली’ पर भी बातचीत की संभावना है।”

थरूर ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी लेबर मोबिलिटी समझौते में यह सुनिश्चित होना चाहिए कि भारतीय नागरिकों को विदेश में सैन्य भूमिकाओं में न धकेला जाए।

वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी राहुल गांधी की चिंता दोहराते हुए कहा कि सरकार लोकतांत्रिक प्रोटोकॉल को उलट रही है। उन्होंने कहा, “सरकार किसी दूसरी राय को सुनना नहीं चाहती। यह सब उनकी असुरक्षा का नतीजा है… इससे दुनिया में भारत की लोकतांत्रिक छवि धूमिल होती है।”

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.