‘भारत टैक्सी’ का पायलट ऑपरेशन दिल्ली में शुरू
सहकारी कैब सर्विस का 'जीरो कमीशन मॉडल' लागू; 51,000 से अधिक ड्राइवरों ने कराया रजिस्ट्रेशन
- नया मॉडल: सहकारी कैब सेवा ‘भारत टैक्सी’ का पायलट ऑपरेशन दिल्ली में शुरू हो गया है, जिसका संचालन सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड कर रही है।
- जीरो कमीशन: यह सेवा ‘जीरो कमीशन मॉडल’ पर आधारित है, जिसका अर्थ है कि ड्राइवरों को उनकी कमाई का 100% हिस्सा मिलेगा, जिससे उनकी आय में सीधे वृद्धि होगी।
- बड़ा जुड़ाव: लॉन्च से पहले ही, कार, ऑटो और बाइक सर्विस के लिए टैक्सी ऐप पर 51,000 से अधिक ड्राइवरों ने पंजीकरण कराया है, जो उनकी आर्थिक स्वतंत्रता की चाह को दर्शाता है।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4 दिसंबर: दिल्ली में टैक्सी और राइड-हेलिंग सेवाओं के बाजार में एक क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत हो गई है। सहकारी कैब सेवा ‘भारत टैक्सी’ का पायलट ऑपरेशन आज राष्ट्रीय राजधानी में शुरू कर दिया गया है। यह पहल अपने ‘जीरो कमीशन मॉडल’ के कारण सुर्खियों में है, जिसका उद्देश्य ड्राइवरों के शोषण को समाप्त करना और उन्हें उनकी कमाई का पूरा हक दिलाना है।
इस नई सेवा के लॉन्च से पहले ही जबरदस्त उत्साह देखने को मिला है। टैक्सी ऐप पर कार, ऑटो और बाइक तीनों सेवाओं के लिए 51,000 से अधिक ड्राइवरों ने पंजीकरण कराया है, जो इस मॉडल के प्रति उनके विश्वास को दर्शाता है।
जीरो कमीशन मॉडल की क्रांति
भारत टैक्सी को सफल बनाने वाला सबसे महत्वपूर्ण कारक इसका जीरो कमीशन मॉडल है। मौजूदा व्यावसायिक राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म ड्राइवरों की बुकिंग राशि से एक बड़ा प्रतिशत (अक्सर 25% से 30% तक) कमीशन के रूप में काट लेते हैं। इसके विपरीत, भारत टैक्सी जीरो कमीशन पर काम करती है।
इस मॉडल के तहत, बुकिंग से प्राप्त पूरी राशि ड्राइवर को मिलेगी। संचालन लागत, जैसे कि ऐप का रखरखाव और अन्य प्रशासनिक व्यय, एक न्यूनतम वार्षिक सदस्यता शुल्क या एक छोटे, निश्चित दैनिक शुल्क के माध्यम से पूरी की जाएगी। इससे ड्राइवरों की शुद्ध आय में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है, जिससे वे आर्थिक रूप से अधिक सशक्त होंगे।
सहकारिता की शक्ति
भारत टैक्सी का संचालन सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड द्वारा किया जाएगा, जिसे 6 जून 2025 को मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी अधिनियम के तहत पंजीकृत किया गया था। यह सहकारी ढांचा सुनिश्चित करता है कि यह प्लेटफॉर्म ड्राइवरों के स्वामित्व और नियंत्रण में हो।
पारंपरिक कॉर्पोरेट मॉडल के विपरीत, इस सहकारी मॉडल में जो भी लाभ अर्जित होगा, वह ड्राइवरों के बीच वितरित किया जाएगा। इसका मतलब है कि ड्राइवर सिर्फ ऐप चलाने वाले नहीं हैं, बल्कि वे इसके साझेदार और मालिक हैं। यह स्वामित्व की भावना उन्हें बेहतर सेवा देने के लिए प्रेरित करेगी।
दिल्ली के ड्राइवरों में उत्साह
इस सेवा के पायलट ऑपरेशन की शुरुआत दिल्ली में हुई है, जहां टैक्सी और ऑटो चालकों को अक्सर बड़े राइड-हेलिंग ऐप्स द्वारा मनमाने कमीशन और खराब कामकाजी परिस्थितियों की शिकायत रहती है। 51,000 से अधिक ड्राइवरों का रजिस्ट्रेशन दिखाता है कि वे एक ऐसे विकल्प की तलाश में थे जो उनकी मेहनत को सही सम्मान दे।
कार, ऑटो और बाइक जैसी तीन महत्वपूर्ण सेवाओं का एक साथ शुरू होना इस बात का संकेत है कि भारत टैक्सी दिल्ली के शहरी परिवहन परिदृश्य में एक व्यापक विकल्प बनने की तैयारी में है। यह पहल न केवल ड्राइवरों के जीवन को बेहतर बनाने पर केंद्रित है, बल्कि यह उपभोक्ताओं को एक ऐसा प्रतिस्पर्धी और नैतिक विकल्प भी प्रदान कर सकती है, जिससे पूरी परिवहन व्यवस्था में सुधार की उम्मीद है।
सरकार की ओर से सहकारिता मंत्रालय ने इस मॉडल को बढ़ावा दिया है, जो देश भर में ड्राइवरों के बीच आर्थिक न्याय और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने का एक मजबूत उदाहरण प्रस्तुत करता है।