शीतकालीन सत्र से पहले पीएम मोदी के बयान पर प्रियंका गांधी का पलटवार
प्रियंका गांधी ने कहा— जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा से बचना ही असली ड्रामा, महंगाई–प्रदूषण पर जवाबदेही से सरकार भाग रही
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प्रियंका गांधी ने कहा, संसद में सवाल उठाना ड्रामा नहीं, लोकतंत्र की जिम्मेदारी है।
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पीएम मोदी ने विपक्ष पर हंगामा व ड्रामा करने का आरोप लगाया था।
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कांग्रेस ने महंगाई, प्रदूषण और SIR जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की मांग की।
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सत्र शुरू होते ही विपक्ष के शोर-शराबे से लोकसभा की कार्यवाही बाधित रही।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 01 दिसंबर: शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विपक्ष को “ड्रामा बंद करने” की नसीहत पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि संसद में जनता से जुड़े सवाल पूछना और मुद्दे उठाना किसी भी तरह का ड्रामा नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था का मूल है।
पीएम मोदी ने सोमवार सुबह संसद भवन के प्रवेश द्वार पर मीडिया से बातचीत में कहा था कि “सदन हंगामे के लिए नहीं है। ड्रामा करने के लिए बहुत जगहें हैं, लेकिन संसद वह स्थान है जहां डिलीवरी होनी चाहिए।” प्रधानमंत्री के इसी बयान को लेकर प्रियंका गांधी ने पलटवार किया।
मीडिया से बात करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा,
संसद में मुद्दे उठाना कोई ड्रामा नहीं है। चुनाव से पहले SIR, महंगाई और प्रदूषण जैसे कई गंभीर मुद्दे खड़े हैं। आइए उन पर खुलकर चर्चा करें। संसद किसलिए है? मुद्दों पर बोलना और सवाल पूछना ड्रामा कैसे हो सकता है?
उन्होंने आगे कहा कि असली ड्रामा तो यह है कि महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की मंजूरी ही न दी जाए। जनता से जुड़े सवालों पर बहस को रोकना लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है।
सत्र के पहले ही दिन विपक्षी दलों ने महंगाई, बेरोजगारी, SIR अभियान और हाल के विवादित अधिनियमों पर विस्तृत चर्चा की मांग को लेकर हंगामा किया। कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी और वाम दलों के सांसदों के नारेबाज़ी करने से लोकसभा की कार्यवाही कई बार बाधित हुई।