- ममता बनर्जी ने सीमा जिलों में बढ़ती जनसंख्या पर गंभीर चिंता जताई
- केन्द्र सरकार को खुली चुनौती—“तथ्यों के साथ जवाब दें”
- बंगाल में राजनीतिक बहस तेज, विपक्ष ने भी उठाए सवाल
समग्र समाचार सेवा
कोलकाता, 25 नवंबर: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर सीमा से लगे जिलों में तेजी से बढ़ती जनसंख्या पर केन्द्र सरकार को कठोर शब्दों में घेरा है। मंगलवार को कोलकाता में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान ममता ने कहा कि “राज्य सरकार लगातार चेतावनी देती रही है, लेकिन केंद्र की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है।”
ममता ने यह भी दावा किया कि सीमा जिलों—विशेषकर मालदा, मुर्शिदाबाद, उत्तर दिनाजपुर और नदिया—में जनसंख्या का असामान्य बढ़ना केवल सांख्यिकीय परिवर्तन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मुद्दा है।
उन्होंने कहा कि अगर केंद्र के पास इसके उलट आंकड़े हैं, तो वे सार्वजनिक करें और तथ्यों के साथ जवाब दें।
“अगर एक पैसे की भी बेईमानी हुई तो मैं सज़ा के लिए तैयार”—ममता
जनसंख्या मुद्दे पर बयान देते हुए ममता ने कहा कि उनकी सरकार पारदर्शिता के साथ काम कर रही है और विपक्ष के “जनसंख्या बदलाव के आरोप” पूरी तरह राजनीतिक हैं।
उन्होंने कहा:
“बंगाल की जनता को गुमराह नहीं किया जा सकता। अगर हम पर एक पैसे की भी बेईमानी साबित हो जाए तो मैं किसी भी सज़ा के लिए तैयार हूँ।”
विपक्ष ने भी उठाए सवाल
मुख्यमंत्री के तीखे बयान के बाद बंगाल की राजनीति में नई हलचल पैदा हो गई है।
विपक्ष के नेताओं ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री खुद इस विषय को “गंभीर” बता रही हैं, तो उन्हें केंद्र से टकराव की जगह राज्य में वास्तविक स्थिति की पारदर्शी रिपोर्ट जारी करनी चाहिए।
बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि बंगाल सरकार सीमा सुरक्षा को लेकर “ढुलमुल रवैया” अपनाती रही है, जिसके कारण अवैध घुसपैठ और जनसंख्या असंतुलन बढ़ा है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ममता ने कहा कि सीमा सुरक्षा का अधिकार केंद्र के पास है और BSF को मजबूत निर्देश देने की जिम्मेदारी भी केंद्र की है।
सीमा जिलों की स्थिति पर बढ़ती बहस
विशेषज्ञों के अनुसार सीमा से सटे जिलों में जनसंख्या वृद्धि कई सामाजिक, आर्थिक और भू-राजनीतिक कारकों से जुड़ी हो सकती है।
हालांकि मुख्यमंत्री द्वारा इसे सार्वजनिक मंच पर उठाने के बाद अब यह विषय राजनीतिक और प्रशासनिक प्राथमिकता बन गया है।
ममता बनर्जी का खुला चुनौतीपूर्ण रुख
ममता ने केंद्र सरकार से “सीमा जिलों की जनसांख्यिकीय रिपोर्ट” सार्वजनिक करने की मांग की है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि केंद्र के आंकड़े सही साबित हुए, तो वे अपनी बात वापस ले लेंगी, लेकिन “यदि हमारे आंकड़े सही निकले, तो केंद्र को राज्य के साथ मिलकर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी होगी।”
राजनीतिक तापमान चढ़ा
ममता के बयान के बाद बंगाल की राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं।
आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जनसंख्या और सुरक्षा का मुद्दा अब बड़ा चुनावी विषय बन सकता है।