JF-17 डील से बढ़ेगी बांग्लादेश की ताकत? भारत की चिंता

पाकिस्तान $700 मिलियन में बांग्लादेश को JF-17 थंडर ब्लॉक-III फाइटर जेट्स देने की तैयारी में, नए समीकरण से सुरक्षा संतुलन प्रभावित

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  • संभावित सौदा: पाकिस्तान बांग्लादेश को 16 से 24 JF-17 थंडर ब्लॉक-III लड़ाकू विमान $700 मिलियन तक में बेच सकता है।
  • राजनीतिक बदलाव: शेख हसीना सरकार के जाने के बाद अंतरिम सरकार ने चीन और पाकिस्तान के साथ रक्षा संबंधों को पुनर्जीवित किया है।
  • भारत के लिए प्रभाव: इस सौदे से पूर्वोत्तर भारत की सुरक्षा स्थितियों के संतुलन पर असर पड़ सकता है, जिससे नई चुनौतियाँ पैदा हो सकती हैं।

समग्र समाचार सेवा
ढाका/इस्लामाबाद, 24 नवंबर: पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच एक संभावित JF-17 थंडर ब्लॉक-III लड़ाकू विमान सौदे की रिपोर्ट्स सामने आने से क्षेत्रीय रक्षा परिदृश्य में हलचल मच गई है। सैन्य विश्लेषकों का मानना है कि शेख हसीना सरकार के पतन के बाद दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग तेजी से बढ़ा है, और पाकिस्तान जल्द ही बांग्लादेश को 16 से 24 अत्याधुनिक JF-17 थंडर ब्लॉक-III फाइटर जेट्स बेच सकता है। इस सौदे की अनुमानित कीमत 400 से 700 मिलियन डॉलर हो सकती है, जो बांग्लादेश वायु सेना (BAF) के इतिहास का सबसे बड़ा अधिग्रहण साबित हो सकता है। भारत इस संभावित सौदे पर बारीकी से नजर रखे हुए है, क्योंकि इससे देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र की सुरक्षा स्थितियों का संतुलन प्रभावित हो सकता है।

क्यों JF-17 पर टिकी बांग्लादेश की निगाहें?

बांग्लादेश लंबे समय से अपने पुराने हवाई बेड़े, जिसमें F-7, MiG-29, और Yak-130 जैसे विमान शामिल हैं, को आधुनिक बनाने की कोशिश कर रहा है। ये पुराने विमान आधुनिक युद्धक आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं। बांग्लादेश सीमित रक्षा बजट में आधुनिक तकनीक हासिल करना चाहता है।

JF-17 थंडर, जो चीन और पाकिस्तान की संयुक्त परियोजना है, इस आवश्यकता को पूरा करता है। पश्चिमी लड़ाकू विमानों की तुलना में इसकी लागत आधी से भी कम आती है, लेकिन यह आधुनिक क्षमताओं से लैस है। बांग्लादेश ने जनवरी 2025 में औपचारिक रूप से JF-17 का मूल्यांकन शुरू किया था, जिसमें इसकी तकनीकी क्षमता और हथियार प्रणाली का गहन अध्ययन किया गया। नए राजनीतिक नेतृत्व द्वारा पाकिस्तान और चीन के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने की इच्छा ने इस सौदे की संभावना को और अधिक बल दिया है।

JF-17 ब्लॉक-III की असाधारण ताकत

JF-17 थंडर ब्लॉक-III लड़ाकू विमान पाकिस्तान वायुसेना की मुख्य रीढ़ माना जाता है। यह 4.5 जेनरेशन का मल्टीरोल फाइटर है, जिसे चीन के चेंगदू एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन और पाकिस्तान एयरोनॉटिकल कॉम्प्लेक्स (PAC) ने मिलकर बनाया है।

इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

उन्नत इलेक्ट्रॉनिक्स: इसमें एडवांस इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और अत्याधुनिक रडार लगे हुए हैं।

मल्टीरोल क्षमता: यह हवा से हवा और हवा से जमीन दोनों प्रकार के अभियानों को सटीकता से अंजाम दे सकता है।

हथियार प्रणाली: यह जहाज़ रोधी मिसाइलें (Anti-Ship Missiles), लेजर-गाइडेड बम, और सेल्फ-डिफेंस सिस्टम से लैस है, साथ ही इसमें 23 मिमी की गन भी लगी है।

बेहतर रेंज: इसकी मारक दूरी 3,400 किमी से अधिक हो सकती है, जो इसे लंबी दूरी के मिशनों के लिए उपयुक्त बनाती है।

मेंटेनेंस और लागत: इसकी सबसे बड़ी खासियत इसकी कम खरीद लागत और सरल मेंटेनेंस है, जो मध्यम बजट वाली वायु सेनाओं के लिए इसे एक व्यावहारिक विकल्प बनाती है।

भारत के लिए क्यों है यह सौदा चिंता का विषय?

JF-17 ब्लॉक-III का बांग्लादेश वायु सेना में शामिल होना भारत के लिए रणनीतिक चिंता का विषय है। वर्तमान में, बांग्लादेश का पुराना बेड़ा भारत के पूर्वोत्तर सीमा पर किसी बड़े खतरे का प्रतिनिधित्व नहीं करता था। लेकिन JF-17 एक 4.5 जेनरेशन का विमान है जो बांग्लादेश की हवाई युद्ध क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा देगा।

यह सौदा, पाकिस्तान और चीन के साथ रक्षा सहयोग को पुनर्जीवित करने के ढाका के प्रयास का हिस्सा है, जो क्षेत्रीय भू-राजनीतिक संतुलन को बदल सकता है। भारत को अब अपनी पूर्वोत्तर सीमा पर हवाई सुरक्षा और निगरानी को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त संसाधन लगाने पड़ सकते हैं, ताकि भविष्य में किसी भी क्षेत्रीय सुरक्षा असंतुलन का सामना किया जा सके।

यदि यह JF-17 डील सफल होती है, तो यह न केवल बांग्लादेश की वायु सेना के लिए एक ऐतिहासिक अधिग्रहण होगा, बल्कि यह दक्षिण एशिया में नए सैन्य समीकरणों को भी जन्म देगा, जिस पर भारत और अन्य क्षेत्रीय शक्तियों की पैनी नजर बनी रहेगी।

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