विजयवर्गीय ने गौसेवा से मनाई वैवाहिक वर्षगांठ
नगरीय प्रशासन मंत्री ने सपरिवार राऊ की गौशाला में पहुंचकर गौमाता का पूजन किया, अपार आनंद की अनुभूति बताई
- नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने 22 नवंबर, शनिवार को अपनी वैवाहिक वर्षगांठ सादगी और धार्मिक भाव के साथ मनाई।
- इस विशेष अवसर को यादगार बनाने के लिए उन्होंने सपरिवार राऊ स्थित गौशाला में पहुंचकर गौमाता की सेवा और पूजन किया।
- मंत्री ने कहा कि गौसेवा का सौभाग्य पाकर उन्हें अपार आनंद की अनुभूति हुई और यह आयोजन भारतीय संस्कृति में सेवा के महत्व को दर्शाता है।
समग्र समाचार सेवा
इंदौर, 23 नवंबर: मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अपनी वैवाहिक वर्षगांठ का पर्व धूमधाम से मनाने के बजाय सादगी और सेवा के मार्ग पर चलकर मनाया। 22 नवंबर, शनिवार को उन्होंने अपनी पत्नी श्रीमती आशा विजयवर्गीय के साथ राऊ क्षेत्र में स्थित एक गौशाला का रुख किया। मंत्री विजयवर्गीय ने गौशाला में पहुंचकर केवल औपचारिक उपस्थिति दर्ज नहीं कराई, बल्कि पूरे परिवार के साथ गौमाता की विधिवत पूजा-अर्चना की और उनकी सेवा की।
इस दौरान मंत्री और उनके परिजनों ने गौमाता को अपने हाथों से चारा खिलाया, उनकी पीठ सहलाई और उनका आशीर्वाद लिया। गौशाला का वातावरण भक्तिमय हो गया, और यह दृश्य भारतीय संस्कृति में परिवार और सेवा के मूल्यों को चरितार्थ करता दिखा। यह आयोजन दर्शाता है कि विजयवर्गीय परिवार व्यक्तिगत खुशियों के क्षणों को भी सामाजिक और आध्यात्मिक दायित्वों से जोड़कर देखता है।
गौसेवा से मिली अपार आनंद की अनुभूति
गौसेवा करने के बाद मीडिया से बातचीत में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वैवाहिक वर्षगांठ पर गौमाता की सेवा करने का अवसर मिलना उनके लिए किसी सौभाग्य से कम नहीं है। उन्होंने कहा, “हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें गौमाता की पूजन-अर्चन और सेवा का यह पुण्य कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। गौमाता की सेवा करते हुए मुझे और मेरे परिवार को जो अपार आनंद की अनुभूति हुई है, उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है।”
उन्होंने आगे कहा कि गौमाता भारतीय संस्कृति का आधार हैं और हर भारतीय को अपने जीवन में गौसेवा के लिए समय निकालना चाहिए। मंत्री ने गौशाला संचालकों और कर्मचारियों के प्रयासों की भी सराहना की, जो निस्वार्थ भाव से गौवंश की देखभाल कर रहे हैं।
पारिवारिक एकजुटता और समर्थकों की उपस्थिति
इस खास अवसर पर कैलाश विजयवर्गीय के साथ उनकी पत्नी श्रीमती आशा विजयवर्गीय के अलावा उनके पुत्र, पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय और कल्पेश विजयवर्गीय भी उपस्थित रहे। परिवार के सभी सदस्यों ने एकजुटता से गौसेवा में हिस्सा लिया, जिससे यह संदेश गया कि यह परंपरा और सेवा का भाव परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित हो रहा है।
इस दौरान, बड़ी संख्या में कैलाश विजयवर्गीय के प्रशंसक और स्थानीय कार्यकर्ता भी गौशाला में मौजूद थे। समर्थकों ने मंत्री को वैवाहिक वर्षगांठ की शुभकामनाएं दीं और उनके इस सेवाभाव की प्रशंसा की। यह आयोजन न केवल एक व्यक्तिगत उत्सव था, बल्कि यह एक सार्वजनिक संदेश भी था कि राजनीतिक व्यस्तताओं के बावजूद, भारतीय नेता अपनी सांस्कृतिक जड़ों और सामाजिक जिम्मेदारी को महत्व देते हैं। गौसेवा के इस नेक कार्य ने मंत्री विजयवर्गीय की छवि को एक सरल, धार्मिक और जमीन से जुड़े नेता के रूप में और मजबूत किया है।